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नोएडा से गोरखपुर: जानिए निजी गाड़ी से यात्रा को लेकर क्या है लॉकडाउन 4.0 में नियम

कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच लागू लॉकडाउन का अब चौथा फेज़ चल रहा है, ये 31 मई तक लागू रहेगा. पहले के लॉकडाउन से इतर इस बार काफी छूट दी गई हैं, जिसमें आर्थिक गतिविधि और लोगों के आवागमन का ध्यान रखा गया है. खासकर एक राज्य से दूसरे राज्य और अपने राज्य में निजी और सरकारी वाहनों को छूट दी गई है.

  • लॉकडाउन 4.0 में निजी वाहनों के संचालन को छूट
  • राज्य सरकारें तय करेंगी वाहनों की आवाजाही के नियम
  • एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की भी अनुमति

कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच लागू लॉकडाउन का अब चौथा फेज़ चल रहा है, ये 31 मई तक लागू रहेगा. पहले के लॉकडाउन से इतर इस बार काफी छूट दी गई हैं, जिसमें आर्थिक गतिविधि और लोगों के आवागमन का ध्यान रखा गया है. खासकर एक राज्य से दूसरे राज्य और अपने राज्य में निजी और सरकारी वाहनों को छूट दी गई है.

ऐसे में अब लोगों के मन में ये सवाल आ रहा है कि क्या वह अपने निजी वाहनों को चला सकते हैं और बाहर जा सकते हैं. खासकर उन लोगों के मन में जो एक शहर में काफी दिनों से रुके हुए हैं और अपने घर वापस जाना चाहते हैं. समझिए क्या कहती है, केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स?

क्या अब चला पाएंगे निजी वाहन?

निजी वाहन को चलाने की छूट लॉकडाउन 3.0 के बाद ही दे दी गई थी. लेकिन अब कंटेनमेंट इलाके में वाहन नहीं चला सकेंगे. बाकी अन्य ज़ोन में निजी वाहन चलाने में कोई रोक नहीं है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और स्थानीय प्रशासन द्वारा गाइडलाइन्स का पालन करना होगा.

हालांकि, ये भी ध्यान रखना होगा कि शाम को सात बजे के बाद से सुबह सात बजे तक अभी भी देश में कर्फ्यू जैसी स्थिति रहेगी. ऐसे में शाम के वक्त वाहन से बाहर निकलने पर कार्रवाई की जा सकती है.

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क्या एक शहर से दूसरे शहर जा सकेंगे?

राज्यों के अंदर वाहनों के संचालन का जिम्मा पूरी तरह से राज्यों पर दिया गया है. गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, एक शहर से दूसरे शहर यानी राज्य के अंदर ही बसों, निजी वाहनों की आवाजाही को लेकर राज्य सरकारें अपनी गाइडलाइन्स निकालेंगी.

क्या हो पाएगा नोएडा से गोरखपुर का सफर?

यानी अगर किसी व्यक्ति को नोएडा से गोरखपुर जाना है, तो क्या वह निजी वाहन से जा सकता है, यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गाइडलाइन पर निर्भर करेगा.

दरअसल, रोज़गार की वजह से उत्तर प्रदेश की एक बड़ी आबादी नोएडा, मेरठ के इलाके में रहती है. ऐसे में अगर कोई नोएडा से गोरखपुर या पूर्वांचल के किसी अन्य शहर में जाना चाहता है तो उसे यही रूट लेना होगा. ऐसे में वह अपने निजी वाहन से घर वापस जा पाएगा या नहीं, ये राज्य सरकार के द्वारा शाम तक आने वाली गाइडलाइन में पता चल पाएगा.

अभी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही घर की ओर निकल रहे हैं, जो नोएडा में काम करते हैं. ऐसे में अगर राज्य सरकार की ओर से बसों की व्यवस्था की जाती है तो बड़ी राहत मिल सकती है.

1_051820111638.jpgगृह मंत्रालय द्वारा जारी वाहनों के लिए गाइडलाइन

क्या एक राज्य से दूसरे राज्य जा सकेंगे?

गृह मंत्रालय ने रविवार को जो गाइडलाइन्स जारी की हैं, उनके मुताबिक एक राज्य से दूसरे राज्य वाहन चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्राइवेट वाहन के अलावा सरकारी बसों को अनुमित दी गई हैं. हालांकि, इसके लिए दोनों राज्यों में सहमति होनी जरूरी है.

उदाहरण के लिए अगर कोई दिल्ली से उत्तर प्रदेश आ रहा है, तो दोनों राज्यों की ओर से वाहनों के आने-जाने के लिए अनुमति होना जरूरी है.

हालांकि, अभी भी मेडिकल वाहनों, जरूरी सामान की आवाजाही, ट्रकों की आवाजाही को नहीं रोका गया है. ये पहले की तरह ही जारी रहेंगी. हालांकि, कंटेनमेंट ज़ोन में अभी भी सख्ती ही बरती जाएगी.

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