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विधानसभा चुनाव 2022

भाजपा को सशक्त गठबंधन पर विचार करना चाहिए ?

भाजपा को सशक्त गठबंधन पर विचार करना चाहिए- दिव्य अग्रवाल

चुनावी मौसम में प्रत्याशियों का दल बदलना एक स्वभाविक प्रकिर्या है । जिस नेता को अपने टिकट कटने या टिकट ना मिलने का अंदेशा होता है वह दूसरे दलों की ओर रुख करता ही है । एक कुशल रणनीतिकार व नेता इस कोशिश में प्रयासरत भी रहते है कि ज्यादा से ज्यादा सामाजिक , राजनीतिक व जनप्रतिनिधि लोग उनकी पार्टी में सम्मिलित होकर इस चुनावी शतरंज का खेल साथ रहकर खेलें । परन्तु क्या भाजपा को अब ऐसा नही लगता कि उसे भी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करना चाहिए ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल(राष्ट्रवादी लेखक व विचारक, गाजियाबाद)

राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ साथ उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण को नकारा नही जा सकता है । इसी क्रम में एक नया दल जिसके नेताओ का राजनीतिक अनुभव बहूत पुराना है एवम विचारधारा भी राष्ट्रवादिता से प्रेरित ही है । क्या उस राजनीतिक दल के साथ चलने के विषय मे भाजपा को विचार नही करना चाहिए । राजा रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का जनाधार व लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है । इस राजनीतिक दल की पकड़ क्षेत्रीय स्तर पर इतनी है जिसके समक्ष जातिगत तुष्टिकरण भी विफल है । अपनी लोकप्रियता के कारण प्रत्येक जाती का व्यक्ति इस दल व दल के नेता के प्रति स्नेह रखता है । अतः भाजपा को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दल की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए गठबंधन के बारे में अवश्य विचार करना चाहिए । क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के विरुद्ध प्रचार कर लोगो को भ्रमित करना आसान होता है परन्तु एक ऐसा राजनीतिक दल जो अपने सदस्यों व जनता के समर्थन से ही गठित हुआ हो उसके समर्थन से राजनीतिक लाभ होना लगभग सुनिश्चित ही माना जाता है । भाजपा जब एक , दो ,चार सीटो वाले दलों के साथ गठबंधन कर रही है उस स्थिति में भाजपा शीर्ष नेतृत्व को उस दल के साथ गठबंधन के बारे में भी अवश्य सोचना चाहिए जो अत्यधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रही है । जो भी नेता जातिगत समीकरण के आधार पर भाजपा का साथ छोड़ रहे हैं या सौदेबाजी कर रहे हैं उन सबको, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के साथ गठबंधन करके भाजपा मजबूत पटखनी दे सकती है ।

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