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प्रवासियों को लेकर सूरत से हरिद्वार पहुंची ट्रेन, 167 यात्री लापता, प्रशासन में हड़कंप

गुजरात के सूरत से उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों के लापता होने को लेकर प्रशासन चिंतित है. सूरत से आने वाले प्रवासियों की संख्या 1340 बताई गई थी, पर प्रवासियों की पूरी संख्या हरिद्वार नहीं पहुंची और उसमें से 167 लोगों की कमी थी.

  • बतायी गई संख्या से करीब 167 यात्री कम पहुंचे हरिद्वार
  • जिलाधिकारियों ने सूरत से मांगी यात्रियों के संबंध में जानकारी

कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के चलते देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड के रहने वाले कई लोग विभिन्न इलाकों में फंस गए थे जो अपने घर वापस आना चाहते थे. इसको देखते हुए उत्तराखंड की सरकार ने लोगों को ट्रेन और बसों से वापस लाने का कार्य शुरू किया है. अब तक ट्रेन पूना, सूरत और बेंगलुरु से प्रवासियों को लेकर हरिद्वार आ चुकी है. 12 मई को दिन में पूना से और रात्रि में सूरत से ट्रेन आई थी. लेकिन गुजरात के सूरत से ट्रेन में आये प्रवासियों की संख्या बतायी गयी संख्या से कम निकली. बताया जा रहा है कि 167 प्रवासी लापता हैं.

गुजरात के सूरत से उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों के लापता होने को लेकर प्रशासन चिंतित है. सूरत से आने वाले प्रवासियों की संख्या 1340 बताई गई थी, पर प्रवासियों की पूरी संख्या हरिद्वार नहीं पहुंची और उसमें से 167 लोगों की कमी थी. इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर वो लोग कहां गए? उनमें से कितने संक्रमित हो सकते हैं और वे कितनों को संक्रमित कर सकते हैं. यह चिंता का विषय है.

सूरत से आये 167 प्रवासियों के लापता होने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. साथ ही सूरत स्टेशन से जानकारी मांगी गई है कि जिन प्रवासियों के लापता होने की चर्चा है क्या वो लोग ट्रेन में चढ़े हैं या फिर नहीं? और अगर चढ़े हैं तो वो कहां गए? हालांकि सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल चलाई जा रही है तो ट्रेन में आने वाले सभी यात्रियों का डाटा रखा जा रहा है. वहीं, हरिद्वार में स्टेशन पर उतरने के बाद भी इन प्रवासियों का डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है.

हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और उन्होंने इस मामले की जांच शुरू करवा दी है. उनका कहना है कि अगर प्रवासी कहीं उतरे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किए जाएंगे.

जिलाधिकारी सी रविशंकर का 167 प्रवासियों के लापता होने पर कहना है कि जहां ओरिजिन होता है, वहां से हमें एक सूची शेयर करते हैं कि इतने पैसेंजर उसमें आ रहे हैं और यहां आने के बाद उस फीगर में थोड़ा बहुत अंतर मिल रहा है. फिलहाल हम इंवेस्टिगेट कर रहे हैं कि क्या वो वहां पर ट्रेन में चढ़े थे या नहीं. अगर ट्रेन में चढ़ने के बाद लापता होते हैं तो हमें उस स्थिति में जांच करना पड़ेगा. हम लोग जांच करते है कि वो व्यक्ति वहां से चढ़ा था या नहीं, अगर बोर्ड होने के बाद भी व्यक्ति यहां से गायब है तो यह इन्वेस्टीगेशन वाला विषय होता है. क्योंकि अगर इसमें कोई संक्रमित व्यक्ति लापता होता है तो वह केवल उनके लिए ही नहीं बाकी सभी के लिए खतरनाक हो सकता है.

आगे उन्होंने बताया कि यहां पर जो भी व्यक्ति आते हैं उनको हम होम क्वारनटीन कर रहे हैं साथ ही स्क्रीनिंग भी कर रहे हैं. अगर उसमें लक्षण पाया जाता हैं तो उनको आइसोलेट भी करते हैं. अगर किसी प्रकार से हमारी स्क्रीनिंग से कोई बचकर भाग जाता है तो उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करेंगे. अभी वर्तमान में पूरा क्रॉस वेरिफिकेशन किया जा रहा है और हम अभी इन्वेस्टीगेशन के बाद ही ठीक तरीके से बता पाएंगे.

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