दनकौर
आज की श्रीमद् भागवत कथा में गुरु व शिष्य के त्याग से लेकर श्री कृष्ण द्वारा कर्ण को दिए गए उपदेश का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया
दनकौर :श्री द्रोण गौशाला के अंदर चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन वृंदावन से आए कथावाचक परम पूज्नीय धर्मशास्त्राचार्य श्री हरि शरण उपाध्याय जी ने आज प्रांगण में बैठे भक्तजनों को अपने मुखारविंद से सीता और द्रोपती के बीच स्वभाव का अंतर बताया तो मां कुंती का उनके बेटे कर्ण से कद छोटा बताने का प्रयास किया,
वही काफी संख्या में उपस्थित भक्तजनों को एकलव्य की तपोस्थली द्रोण नगरी में गुरु और शिष्य के बीच पवित्र व त्याग के रिश्ते का बहुत ही सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि किस तरह एकलव्य अपने गुरु द्रोणाचार्य को एक इशारे पर अपना अंगूठा काटकर गुरु के चरणों में समर्पित कर देता है, उन्होंने बताया कि एक बार इसी स्थान पर एकलव्य वृक्ष के नीचे अपने गुरु द्रोणाचार्य की मूर्ति स्थापित कर धनुर्विद्या सीख रहा था एक दिन पांडवों का कुत्ता पांडवों के साथ गुजर रहा था जो एकलव्य को देखकर भौंकने लगा जिस पर एकलव्य ने उस कुत्ते के मुंह को बिना कोई चोट पहुंचाए बाणों से भर दिया, जब इसकी खबर श्री गुरु द्रोणाचार्य को लगी तो उन्होंने एकलव्य से दक्षिणा मेंअंगूठा मांग लिया एकलव्य ने यह कहते हुए की गुरु जी मैं तो विश्व का प्रथम श्रेष्ठ धनुर्धर बनना चाहता था आपने यह क्या किया और अपना अंगूठा काटकर उनके चरणों में धर दिया,
दूसरी तरफ महाभारत काल में जब करण का रथ दलदल में फंस गया और करण उसको निकालने के लिए रथ से नीचे उतर कर रथ का पहिया निकालने लगा तो उस समय श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कर्ण पर बार करने के लिए कहा इस पर कर्ण जब भगवान कृष्ण से निहत्थे पर बार करने का विरोध करता है तो भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण को धर्म का पाठ पढ़ाया, आज की श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा सप्ताह में कार्यक्रम के आयोजक राकेश कुमार गर्ग, श्रीमती पूनम गर्ग, योगेश गर्ग, मयंक गर्ग, ध्रुव गर्ग ,अंशुल गर्ग, क्षितिज गर्ग ,लक्ष्य गर्ग ,जीवांश गर्ग ,विराज गर्ग ,प्रधानाचार्य जय प्रकाश सिंह, अशोक गोयल, जगदीश प्रसाद अग्रवाल ,सुरेश चंद सिंघल, वीरेंद्र शर्मा ,लक्ष्मी नारायण, पुरुषोत्तम गर्ग, प्रदीप गर्ग सहित काफी संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित रहे,