Bulandshahr
बहुराष्ट्रीय कंपनियां घरेलू उद्योग के तमाम लोगों और कलात्मक संस्कृति को समाप्त कर देना चाहती हैं- हरिअंगरिया
बुलंदशहर:पहले ₹10 के रिचार्ज होते थे। ₹100 से कम में आप महीने भर का रिचार्ज और इंटरनेट चलाते थे। रिचार्ज खत्म होने पर भी आपकी इनकमिंग चलती रहती थी। प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर देने का पड़यंत्र और हर संभव प्रयास सभी क्षेत्रों में हो रहा है।
खान-पान के क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियां सस्ती दरों पर खान-पान उपलब्ध करा रही हैं। वे ऐसा करके खान-पान के क्षेत्र में काम कर रहे हमारे घरेलू उद्योग के तमाम लोगों और कलात्मक संस्कृति को समाप्त कर देना चाहती हैं। काफी हद तक वह कारगर हो भी गई हैं।
हमारे बच्चों और महिलाओं में बढ़ती ऑनलाइन खरीदारी का फैशन हमारे घरेलू कारोबार को खत्म कर रहा है। जबकि हम सब घरेलू कारोबार पर ही टिके हुए हैं। इन्हीं के बूते हर समय,देश भर में सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन चलता रहता है।कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के लिए चंदा नहीं देती है। इसलिए हमें इन छोटे-छोटे अपने हाथ के रोजगारों को बचाना है।
हलवाई की हर दुकान से कम से कम 15 परिवार प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के लिए जुड़े हुए हैं।फिर यह अपने आप में एक कला भी है। निश्चित रूप से कुछ लोग हलवाई की ओट में स्वास्थ्य से खिलवाड़ का अपराध कर रहे हैं। लेकिन केवल ऐसे कुछ लोगों के कारण हम अपने इस पूरे कारोबार को आरोपित और खत्म करने के पड़यंत्र का हिस्सा नहीं बन सकते।
यही कारोबार हमारी खान-पान की कला और संस्कृति को बचाने और बढ़ाने के साथ हमें फ्रेश,स्वच्छ और कम कीमत पर खान-पान उपलब्ध करा रहा है। इसलिए इस दीपावली पर्व पर हमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तमाम लालच और प्रपंच के बावजूद अपने इस कला को और अपने खान-पान को बचाना है हम रोज खरीदें,फ्रेश खरीदें,सस्ता खरीदें।ऑनलाइन के चक्कर में पड़ने से बचें।
सर्वजातीय अभिनंदन समिति अपनी इस परंपरागत खानपान कला और संस्कृति,रोजगार और डिब्बाबंद जहरीले पदार्थों से स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हलवाइयों का दुकान-दुकान जाकर सम्मान कर रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि वे स्वच्छ और क्वालिटी का खाद्य पदार्थ बनाएं और उचित मूल्य पर बेचें।
आप भी इस अभियान का मतलब और दूरगामी महत्व समझें और अन्य लोगों को भी समझाएं,
बुलंदशहर से वरिष्ठ समाजसेवी हरि अंगरिया