राष्ट्रीय
जितेंद्र त्यागी की तरह विवेक अग्निहोत्री भी विस्मरण हो जाएंगे….
जितेंद्र त्यागी की तरह विवेक अग्निहोत्री भी विस्मरण हो जाएंगे - दिव्य अग्रवाल
अभी कुछ समय पूर्व की ही बात है। जब वसीम रिजवी से बने जितेंद्र नारायण त्यागी का स्वागत सम्पूर्ण हिन्दू समाज ने किया था । जिहादी व कटरपंथी मानसिकता किस तरह मानवता का दोहन सैकड़ो वर्षों से करती आ रही है । भविष्य में इस
कटरपंथी मानसिकता/ अमानवीयता क्यों व कब तक रोका नही जा सकता , इसका पूर्ण वर्णन उन्होंने अपनी एक पुस्तक के माध्यम से भी किया । विवेक अग्निहोत्री जी की फिल्म द कश्मीर फाइल देखकर पूरा देश विवेक जी की प्रशंसा कर रहा है। क्योंकि उन्होंने उस नरसंघार को दिखाने की हिम्मत दिखाई। जिस पर ज्यादातर लोग मौन थे। परन्तु इस नरसंघार का आधार क्या था , इस तरह के नरसंघार गैर इस्लामिक लोगो के साथ क्यों होते आए हैं एवम भविष्य में भी ऐसे नरसंघार क्यों होते रहेंगे । इस विषय पर पूर्व के वसीम एवम वर्तमान के त्यागी जी ने अपने तथ्यात्मक विचार रखे , विवेक अघनिहोत्री जी की तर्ज पर हिन्दू समाज ने त्यागी जी को भी बहूत सम्मान दिया था। परन्तु शायद अब हिन्दू समाज को यह भी याद नही होगा कि त्यागी जी को कारावास काटते हुए कितना समय बीत चुका है । हिन्दू समाज बहूत तीव्रता के साथ किसी व्यक्ति को हीरो बनाता है ओर फिर दुगनी तीव्रता से भूल भी जाता है । कितने ऐसे विचारक , योद्धा , लेखक , धर्मगुरु , वक्ता हुए जिन्होंने अपना सर्वस्व जीवन सनातन धर्म को समर्पित कर हिन्दू समाज को सचेत करते हुए निस्वार्थ सेवा करने का कार्य किया परन्तु न सिर्फ समाज ने अपितु स्वम के सम्बन्धियो ने भी उन सनातन प्रहरियों को भुला दिया । कुछ सेवक सामाजिक षड्यंत्र का शिकार हो गए , तो कुछ लोग राजनीतिक लोगो की शतरंजी चाल में समाप्त हो गए। अतः विवेक अग्निहोत्री जी को यह समाज कितने समय ध्यान रख पाएगा ,यह आने वाला समय बताएगा । सभी लोगो मे कुछ न कुछ अवगुण अवश्य होते है । परन्तु कुछ गुण ऐसे भी होते है जो लाखो करोड़ो अवगुणों पर भारी होते हैं । अतः कश्मीर जैसी असंख्य दुखद स्टोरी शेष है परन्तु उन स्टोरियो/ घटनाओं को क्रियान्वित करने वाले कक्टरपंथी इतना दुस्साहस कहाँ से लाते हैं । हमारी वो कौन सी कमजोरियां है जिनका लाभ उठाकर कटरपंथी राक्षस सम्पूर्ण मानवता की हत्या कर देते है । यह भी सभ्य समाज को ही सोचना होगा ।