दनकौर
प्रथम नवरात्रि पर भक्तों द्वारा प्राचीन देवी मंदिर पर भक्ति का लिया भक्तिमय आनंद
दनकौर: कस्बे के मौहल्ला प्रेमपुरी में स्थित प्राचीन देवी मंदिर पर आज मंदिर के महंत पूज्य पाद श्रद्धेय आचार्य संत श्री रवि कृष्ण भारद्वाज द्वारा मां का दरबार विशेष भव्य रुप से सजाया गया ,साथ ही
साफ सफाई करा कर भक्तों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया व कीर्तन करने के लिए भक्तों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई,
आज दोपहर भक्तों द्वारा कीर्तन किया गया साथ ही महंत जी ने भक्तों को बताया कि आज प्रथम शैलपुत्री विक्रम संवत 20 79 प्रतिपदा दिन शनिवार चैत्र नवरात्रि व्रत का प्रथम दिन है इसकी प्रथम आराध्य
देवी माता शैलपुत्री हैं ,पूर्व जन्म में इनके पिता राजा दक्ष थे , दक्ष ने प्रवेश होने पर यज्ञ किया, परंतु दामाद शिव को निमंत्रित नहीं किया,सती भगवान शंकर की स्वीकृति के बिना पिता के यहां चली गई, यज्ञ स्थल पर अपना तिरस्कार एवं शिव का आसन न देखकर कुपित सती यज्ञाग्नि में कूद पड़ी ,उधर शिव की समाधि भंग हुई, तो उन्होंने वीरभद्र नामक गण को यज्ञ स्थल पर भेजा ,वीरभद्र ने यज्ञशाला का विध्वंस किया और सती के जलते शरीर को लेकर चल पड़ा ,धरती पर सती के अंग जिस- जिस स्थान पर गिरे वहां- वहां शक्ति पीठ स्थापित हो गए, सती का अगला जन्म शैलराज की पुत्री पार्वती के रूप में हुआ, घोर तपस्या के बाद शिव ने उनका वरण किया, पर्वतराज की पुत्री होने के कारण माता ने इस प्रथम रूप का नाम शैलपुत्री पड़ा,