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राष्ट्रीय

वायु जिहाद भी मानवता के लिए बड़ा खतरा – दिव्य अग्रवाल

बालासोर रेल दुर्घटना सबको स्मरण होगी व जे ई आमिर खान भी स्मरण होगा जिसके सिग्नल प्रबंधन अपराध के कारण असंख्य लोगों की दुखद व दर्दनाक मृत्यु हुई । समाज को लगता है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे लापरवाही या मानव गलतियां हैं परन्तु यह सत्य नहीं है इस प्रकार की घटना सुनियोजित जिहाद का परिणाम है। जिसके कारण ऐसा कोई भी शिक्षित व्यक्ति जिसने मजहबी ज्ञान प्राप्त किया हो उसके लिए जीवन इस स्वर्ग जैसी धरा पर नहीं अपितु उस काल्पनिक जन्नत में है जहां उसे ७२ हुर्रे मिलने का प्रलोभन दिया जाता है। मजहबी ज्ञान के अनुशार शहीद अर्थात जो काफिरो को मारते हुए मृत्यु को प्राप्त हुआ हो या गाजी अर्थात जिसने काफिरो (गैर मजहबी ) को किसी प्रकार प्रताड़ित या मारा हो उसके लिए सीधे जन्नत के द्वार खुल जाते हैं । इस शिक्षा को प्राप्त करने वाला प्रत्येक मजहबी कटटरपंथ गैर मजहबी लोगो व् मानवता की निर्मम हत्या करने हेतु पत्येक क्षण प्रतीक्षा में रहता है चाहे उसको अपनी ही जान देकर गाजी ही क्यों न बनना पड़े । अब आप सोचिये की चाहे वायुयान का चालक हो या रेल का, क्या उसके शिक्षित होने पर मानवता को सुरक्षित समझा जा सकता है। अमेरिका की वायुयान जिहाद शायद स्मरण होगी जिसमे वायुयान चालक / पायलट ने अपनी जान देकर बिल्डिंग के असंख्य लोगों की जान ले ली थी । इन सबके पश्चात भी सभ्य समाज यदि यह कहता है कि किसी व्यक्ति की उच्च शिक्षा,उसकी सफलता या उच्च पद पर आसीन होने वाला व्यक्ति मजहबी कट्टरपंथी नहीं हो सकता तो यह भ्रम है । क्योंकि जिसको गाजी बनना है वो गैर मजहबी यात्रियों से भरे हुए विमान के साथ कुछ भी कर सकता है और यदि उस विमान में कुछ संख्या मजहबी लोगों की भी हुई भी तो वे सभी मजहबी लोग कट्टरपंथ के दृष्टिकोण में शहीद की श्रेणी में गिने जाएंगे एवं मृत्यु पश्चात गाजी के साथ साथ उन शहीदों को भी काल्पनिक जन्नत मिलेगी क्योंकि उन्होंने गैर मजहबी लोगों की हत्या कर उन्हें दोहजत में भेज दिया है। अतः वास्तव में मानवता व् राष्ट्र को बचाना है तो उस मजहबी कट्टरपंथी शिक्षा को प्रतिबंधित करना होगा जिससे इस प्रकार की भ्रामक व भयावह विचार को समाज में जन्म मिलता है ।

दिव्य अग्रवाल(लेखक व विचारक)

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