[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
राष्ट्रीय

मोदी सरकार ने NPR की ओर बढ़ाए कदम, अगले हफ्ते लग सकती है कैबिनेट की मुहर

मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगले हफ्ते मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेशन और जनगणना को मंजूरी मिल सकती है.

  • इसका उद्देश्य व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना है
  • जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक सूचना भी होगी

मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगले हफ्ते मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेशन और जनगणना को मंजूरी मिल सकती है.

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) पर देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है. एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है. इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी.

हालांकि, CAA और NRC की तरह गैर-बीजेपी शासित राज्य इसका भी विरोध कर रहे हैं और इसमें सबसे आगे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं. CAA और NRC को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी ने तो बंगाल में एनपीआर पर जारी काम को भी रोक दिया है.

इसके अलावा केरल की लेफ्ट सरकार ने भी एनपीआर से संबंधित सभी कार्यवाही रोकने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सरकार ने एनपीआर को स्थगित रखने का फैसला किया है क्योंकि आशंका है कि इसके जरिए एनआरसी लागू की जाएगी.

क्या है एनपीआर

NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की. इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था.

Show More

Related Articles

Close