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राष्ट्रीय

अंधेरा होते ही कैंपस में मचा कहर…, JNU छात्रों की आपबीती

अंधेरा होते ही कैंपस में मचा कहर…रॉड से हाथ-पैर तोड़े, JNU छात्रों की आपबीती

विवार देर रात को कुछ नकाबपोश हमलावरों ने यहां छात्रों-फैकल्टी मेंबर पर हमला कर दिया, जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए हैं. देर रात को यूनिवर्सिटी कैंपस में क्या हुआ, अब उसकी कहानी सामने आ रही है.

दिल्ली की JNU में फिर बवाल
  • दिल्ली की जेएनयू में एक बार फिर हिंसा
  • रविवार देर शाम कुछ लोगों ने किया हमला
  • छात्रों ने बताया किस तरह हुआ था हमला

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर हिंसा भड़की है. रविवार देर रात को कुछ नकाबपोश हमलावरों ने यहां छात्रों-फैकल्टी मेंबर पर हमला कर दिया, जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए हैं. देर रात को यूनिवर्सिटी कैंपस में क्या हुआ, अब उसकी कहानी सामने आ रही है. जो छात्र घायल हुए हैं वह अपनी आपबीती साझा कर रहे हैं, इन्हें में से कुछ की आपबीती पढ़ें…

1.    एबीवीपी के सदस्य शिवम चौरसिया जो कि JNU में PHD का छात्र है, उसपर रोड से हमला किया गया था. उनका कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें टांके लगाए, इसके अलावा गले के पिछले हिस्से पर भी हमला किया गया है. शिवम के मुताबिक, ये सारा बवाल रजिस्ट्रेशन को लेकर हुआ था. टांके लग जाने के बाद शिवम को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया.

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शिवम का कहना है कि घटना में ABVP के कई छात्र घायल हुए हैं, लेकिन कुछ का पता नहीं चल रहा है को वो कहां पर हैं.

2.    एबीवीपी के ही सदस्य मनीष जो कि पीएचडी का छात्र है. उसका कहना है कि हमले में उसके हाथ में फ्रैक्चर हुआ है, रॉड पर हमला होने की वजह से उसका हाथ चोटिल हो गया.

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3.    जेएनयू में M-Phil के छात्र शेषमणि का कहना है कि हमले के दौरान उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया, हाथ में प्लास्टर हुआ है और रॉड भी लगाया गया है. शेषमणि का आरोप है कि हमलावरों ने उसके हाथ-पैर पर लोहे की रॉड से हमला किया था.

शेष मणि ने कहा कि जेएनयू में पिछले कुछ दिनों से ये मामला चल रहा था, जहां लेफ्ट समर्थित छात्रों ने क्लास का बॉयकॉट की हुई हैं. सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है लेकिन लेफ्ट समर्थित छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जो रजिस्ट्रेशन करना चाहते थे उसका WiFi कनेक्शन काट दिया गया, जिन्होंने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहा, तो उनके मारपीट की गई.

शेषमणि ने कहा कि इसी दौरान 500-600 लेफ्ट समर्थित छात्रों ने हमला किया, जिसमें जामिया के कुछ छात्र भी शामिल थे. जिन्होंने मुझपर अटैक किया उनको मैं पहचानता हूं एक राजनीति विज्ञान का छात्र है संदीप सिंह और दूसरा उसी का दोस्त है लेकिन वो JNU का छात्र नहीं है.

4.    हिंसा को लेकर जेएनयू की छात्र गीता का आरोप था कि बवालियों ने साबरमती के ब्यॉज हॉस्टल के सभी कमरों पर हमला किया लेकिन वहां एबीपीवी के छात्रों के कमरों को छोड़ दिया गया.

5. जेएनयू में ही एमफिल की छात्र प्रियंका ने कहा कि वहां पर भीड़ पहले से ही मौजूद थी, शाम को प्रोटेस्ट था. काफी लोग गोदावरी बस स्टैंड के पास इकट्ठा हुए, तभी मारा-मारी शुरू हो गई. प्रियंका बोलीं कि अभी भी घर से फोन आ रहे हैं, वापस आने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि जितनी भीड़ थी, उस हिसाब से हिंसा रुक जाना चाहिए थी, 100 डायल करने पर भी मदद नहीं की गई थी.

बता दें कि रविवार शाम करीब 5 बजे के बाद जेएनयू में हिंसा शुरू हुई थी. पहले कुछ नकाबपोश हमलावर यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसे उसके बाद लगातार हमला किया, तोड़फोड़ की. इस दौरान कई छात्र, फैकल्टी घायल हो गए. देर रात को ही पुलिस ने कैंपस में फ्लैग मार्च किया.

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