[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
राष्ट्रीय

कोरोना वायरस: भारत में अलर्ट! विमानों मे जाने वाले 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच

कोरोना वायरस: भारत में अलर्ट! विमानों मे जाने वाले 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच

नई दिल्ली I कोरोना वायरस मामले में भारत में 96 विमानों के 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन स्वास्थ्य जांचों में कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं पाया गया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि अभी तक अलग-अलग देशों से आ रहे 96 विमानों के यात्रियों की जांच की गई है. इन 96 विमानों में सवार सभी 20 हजार 844 यात्री कोरोना वायरस से पूरी सुरक्षित पाए गए हैं. कोरोना वायरस से चीन में कई व्यक्तियों की मौत के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन हर तरह की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

चीन के बाद अब सिंगापुर में भी नोवेल कोरोना वायरस का मामला सामने आया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टी की है. पड़ोसी देशों में गंभीर बीमारी का यह वायरस पाए जाने के बाद अब भारत सरकार ने भी अतिरिक्त सर्तकता बरतनी शुरू कर दी है. इसी के तहत अलग-अलग देशों से आ रहे 20 हजार से अधिक विमान यात्रियों की विशेषज्ञों द्वारा गहन थर्मल जांच की गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी के रूप में दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, अहमदाबाद, अमृतसर, कोयंबटूर, गुवाहाटी, जयपुर, बागडोगरा, गया, त्रिवेंद्रम, त्रिची, वाराणसी और विजाग हवाई अड्डों के लिए अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. चीन से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की थर्मल स्कैनर के जरिये जांच करने का निर्देश भी दिया है. नागर विमानन मंत्रालय के सहयोग से विमान में इस संबंध में घोषणाएं की जा रही हैं. चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श भी जारी किया गया है. यह परामर्श स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

चीन, सिंगापुर और जापान से आने वाले यात्रियों की जांच

अभी तक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट पर चीन, सिंगापुर व जापान से आने वाले 60 विमानों में सवार कुल 12,828 यात्रियों की जांच की जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश जारी किया है. सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया है. एनआईवी पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के लिए नमूने की जांच में समन्वय कर रहे हैं.

उच्चस्तरीय बैठकों में अस्पतालों में प्रबन्धन तथा संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है. राज्यों के साथ परामर्श और आईपीसी दिशा-निर्देश साझा किए गए हैं. पीपीई सहित पर्याप्त लॉजिस्टक भंडार उपलब्ध है. राज्य सरकारों को आवश्यक एहतियाती उपाय करने की सलाह दी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस को लेकर विदेश मंत्रालय के भी सम्पर्क में है. हवाई अड्डों पर अप्रवासन अधिकारियों को इस बारे में सर्तक किया गया है.

संक्रमण के तथ्यों पर किया जा रहा है गौर

चीन में वायरस फैलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग की सचिव प्रीति सूदन को सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा यह कदम समय से कोरोना वायरस की पहचान और इसके फैलाव को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं. इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है. इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है.

जेनेवा में गुरुवार को हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन बैठक के बाद डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी भी वायरस की स्थिति विकसित हो रही है. वायरस फैलने का ठोस कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है लेकिन डब्लूएचओ की प्राथमिक जांच इस वायरस को समुद्री खाद्य बाजार से जोड़ती है. कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ जाते हैं. यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित पशुओं में प्रवेश कर जाता है. दुर्लभ स्थिति में पशु कोरोना वायरस बढ़कर लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.

Show More

Related Articles

Close