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क्या करोना की थर्ड लहर बच्चों पर करेगा हमला डब्ल्यूएचओ ने दिये चौकाने वाले नतीजे
क्या करोना की थर्ड लहर बच्चों पर करेगा हमला डब्ल्यूएचओ ने दिये चौकाने वाले नतीजे
कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के कई देशों में अपने पैर पसार चुका है, ऐसे में बड़ा सवाल फिर से बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर है. वहीं आशंका ये भी जताई जा रही है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर का बच्चे शिकार बनेंगे? दरअसल, दुनिया भर के डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने एक क्लीनिकल रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को सौंपी है. जिसमें कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में 2 साल से ऊपर की उम्र वाले बच्चों के भर्ती होने की संख्या बढ़ी है. ऐसे में ये आशंका है कि ओमिक्रॉन बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. ये भारत के लिए भी खतरे की घंटी है. क्योंकि भारत में अभी केवल 18 से ऊपर की उम्र वाले लोगों का ही वैक्सीनेशन हो रहा है.
WHO की इसी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ने कहा था कि जो लोग वयस्क हैं, उनमें फिलहाल ओमिक्रॉन के मामूली लक्षण देखे गए हैं. ज्यादातर संक्रमित लोग asymptomatic हैं. वहीं ठीक एक दिन पहले WHO के यूरोप ऑफिस ने भी बताया था कि 5 से 14 साल के बच्चों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हैंस क्लूज ने कहा कहा यूरोप के कई देशों में बच्चों में इंफेक्शन के मामले दो से तीन गुना बढ़ गए हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि बुजुर्गों, हेल्थकेयर वर्कर्स और कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोगों की तुलना में बच्चों को कम गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है. अब तक दुनिया भर के 21 देशों में 432 ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं.
दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह बच्चे भर्ती हुए हैं, उससे एक बात तो स्पष्ट है कि कोरोना की बच्चों में गंभीरता देखी जा रही है. वहीं दक्षिण अफ्रीका के मामले में ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ने कहा कि यहां गुआंगटेंग प्रोविंस में मामले बढ़े हैं, हालांकि नॉर्दन केप अपवाद रहा. वहीं ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ने WHO से कहा है कि एसजीन टार्गेट फेलियर ( S Gene Target Failure ) का एनालिसिस इस सप्ताह तक हो जाएगा. ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ने ये भी कहा है कि जिस तरह किस बढ़े हैं, उनको बिल्कुल भी अनदेखा न किया जाए. यहां पूरी तैयारी रखें.
IMA ने भी किया आगाह
भारत के लिहाज से IMA की जो रिपोर्ट आई है, उसमें कहा गया है कि भारत पहले की स्थिति में वापस आ रहा है. अगर इसे रोकने के मुकम्मल इंतजाम नहीं किए गये, तो ये एक तीसरी बड़ी लहर साबित हो सकती है. दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट पूरी तरह फैल गया है, यहां के अस्पतालों में बच्चों की संख्या ज्यादा बढ़ी है. इसे देखते हुए आईएमए ने सभी स्कूल और कॉलेज में कोविड प्रोटोकॉल का ठीक से पालना होना चाहिए. वहीं जो युवा टीका लगवाने के लिए योग्य हैं. उन्हें जरूर टीका लगवाना चाहिए.
स्कूली बच्चों में सामने आ रहे कोरोना केस
देश के कई इलाकों में हाल के दिनों में बच्चों में कोरोना के केस बढ़ते हुए भी दिख रहे हैं. 7 दिसंबर को ओडिशा के जयपुर में आवासीय सरकारी छात्रावास में 9 छात्राएं कोविड पॉजिटिव मिली हैं. इस आवासीय स्कूल में 182 छात्राएं रहती हैं. वहीं कर्नाटक में भी कई छात्रों में कोरोना होने की पुष्टि हुई है. कर्नाटक में अब तक स्कूलों में 107 बच्चे और स्टाफ पॉजिटिव हो चुके हैं. तिरुपुर के धर्मपुर में मौजूद एक प्राइवेट स्कूल में 25 छात्र पॉजिटिव मिले हैं. स्कूल में मौजूद 300 स्टाफ की जांच की गई थी. जो सैंपल जांच में पॉजिटिव आए हैं, उनको जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भी भेजा गया है ताकि ये पता चल सके कि कहीं छात्र ओमिक्रॉन से तो ग्रस्त नहीं है.
भारत में कब लगेगा बच्चों को टीका?
कोरोनावायरस की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर इंतजार हो रहा है. भारत में बच्चों के लिए जायडस कैडिला के जायकोव डी (ZyCoV D) वैक्सीन को सितंबर में मंजूरी मिल गई है. कोवैक्सीन को 2 साल से ऊपर के बच्चों को लगाने के लिए एक्पर्ट कमेटी ने सिफारिश की है.
लेकिन ड्रग रेगुलेटर की ओर से इसे मंजूरी नहीं मिली है. वहीं नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) की सोमवार को बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सीन को लेकर मीटिंग हुई थी. लेकिन इसका मसौदा अभी तैयार नहीं हो सका है. यानी बच्चों के लिए कोरोना टीका का अब भी इंतजार है.
स्पेन में बच्चों को लगेगी वैक्सीन
स्पेन ने 5 से 11 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी है. यूरोप के कई देशों में पहले से ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 13 दिसंबर को 32 लाख डोज आएंगी और फिर 15 दिसंबर से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा.