Bulandshahrधर्म
जब जब धरती पर धर्म की हानि होती है स्वयं भगवान होते हैं धरती पर अवतरित-विजय कृष्ण महाराज
बुलंदशहर : श्री श्याम सखा युवा मंडल के तत्वधान में श्री खाटूश्याम मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा, चतुर्थ पावन दिवस पर महाराज श्री ने भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया। महाराज श्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुईं तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे।
आज श्रीमद् भागवत कथा में दीपेंद्र चौधरी, लता चौधरी, शैलेन्द्र रावल व तनु रावल ,अतुल कृष्णदास एडवोकेट, संजय गोयल दीपेन गांगुली, अनिल गुप्ता, शशि सोलंकी, विकास अग्रवाल एडवोकेट, आदि ने लोग उपस्थित रहे,
रिपोर्ट- संजय गोयल (सह संपादक)