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उत्तर प्रदेश

अयोध्या मामले को लेकर उत्तर प्रदेश मे सोशल मीडिया से सड़क तक पुलिस की पैनी नजर

अयोध्या मामले को लेकर उत्तर प्रदेश मे सोशल मीडिया से सड़क तक पुलिस की पैनी नजर

लखनऊ I अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद शनिवार सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ अपना फैसला सुनाएगी। एक ओर जहां पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर टिक गई हैं, वहीं अयोध्या समेत प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, रामनगरी छावनी में तब्‍दील हो गई है। अयोध्या में स्थितियों को काबू में रखने के लिए रैपिड ऐक्शन फोर्स के 4000 जवानों के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, गोरखपुर और अलीगढ़ समेत तमाम अन्य जिलों में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। इन जिलों में अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने और संवेदनशील स्थानों पर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। यूपी में आईजी जेल आनंद कुमार ने शुक्रवार शाम सभी जिलों के जेल अधिकारियों प्रशासन के साथ संपर्क में रहने और कानून व्यवस्था की स्थितियों के लिए जरूरी हर इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

सीएम योगी ने दिए जरूर निर्देश

फैसले की तारीख तय होने के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक की। योगी ने प्रदेश के लोगों से फैसले के बाद शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने एवं पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले गुरुवार रात भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के डिविजनल कमिश्नरों, डीएम और अन्य उच्चाधिकारियों से बात कर सुरक्षा का जायजा लिया था।

डीजीपी ने अफवाह न फैलाने की अपील की

डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेश के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि प्रदेश के लोग सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसी भी मेसेज की सत्यता जांचे बगैर इसे फॉरवर्ड ना करें। डीजीपी ने अपनी अपील में कहा है, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया की पूरी निगरानी कर रही है। बावजूद इसके अगर कोई यह सोचकर कि पकड़ा नहीं जाऊंगा और गलत मैसेज फॉरवर्ड करता है तो यह उसकी गलतफहमी होगी। पुलिस आपके सहयोग और सहायता के लिए तत्पर है और आप से भी अपेक्षा करती है कि पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे। हम यह भी अपेक्षा करते हैं कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ 112 नंबर, ट्विटर सेवा अथवा निकटतम थाने के थाना अध्यक्ष या प्रभारी निरीक्षक को सूचना देंगे।’

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