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राष्ट्रीय

Live- सुकमा नक्सली हमले में 17 जवान शहीद, 14 घायल

छत्तीसगढ़ के सुकमा में शनिवार को हुए नक्सली मुठभेड़ में 17 जवानों के शहीद होने की खबर है. शहीद होने वाले जवानों में STF और DRG के जवान शामिल हैं.

  • शहीदों में एसटीएफ और डीआरजी के जवान शामिल
  • जवानों के हथियार भी लूट ले गए नक्सली, तलाश जारी

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का बड़ा हमला हुआ है. सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 14 घायल हैं. डीआरजी-एसटीएफ के जवानों को पहली बार इतना बड़ा नुकसान हुआ है. शनिवार को हुए इस नक्सली मुठभेड़ में 17 जवानों के शहीद होने की खबर है. शहीद होने वाले जवानों में एसटीएफ और डीआरजी के जवान शामिल हैं.

इस घटना में 14 जवान घायल हैं जिन्हें हेलिकॉप्टर  की मदद से रायपुर रेफर किया गया है. बस्तर के इतिहास में पहली बार डीआरजी यानी कि डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड के जवानों को इतना बड़ा नुकसान हुआ है. शहीद 17 जवानों में से 12 जवान डीआरजी के हैं. डीआरजी स्थानीय युवकों द्वारा बनाया गया सुरक्षा बलों का एक दल है, जो कि नक्सलियों के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी रहा है. नक्सलियों ने जवानों के 15 हथियार भी लूट लिए, जिनमें AK-47, इंसास, LMG और UBGL जैसे हथियार हैं.

दरअसल पुलिस और नक्सलियों के बीच खूनी संघर्ष की घटना शनिवार ढाई बजे सामने आई. घटना कोराजगुड़ा के चिंतागुफा इलाके की है जहां सशस्त्र बल और पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई शुरू की. इस ऑपरेशन में पुलिस की डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स और कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) बटालियन ने एक साथ मोर्चा संभाला. संयुक्त टीम को एल्मागुंडा के नजदीक नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इस  खुफिया  जानकारी के आधार पर संयुक्त टीम ने अपने चिंतागुफा, बुर्कापाल और टिमेलवाडा कैंप से नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की.

एल्मागुंडा के नजदीक कोराजगुड़ा पहाड़ियों में सशस्त्र बल और  पुलिस  की संयुक्त टीम जैसे पहुंची, नक्सलियों ने इस टीम पर तुरंत हमला बोल दिया. एल्मागुंडा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 450 किमी दूरी पर स्थित है. संयुक्त टीम के अधिकारी ने कहा, ग्राउंड इनपुट के आधार पर ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कम से कम 5 नक्सली मारे गए हैं और इतनी ही संख्या में घायल भी हैं. सशस्त्र बल ने भी नक्सलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. शुरू में हालांकि 13 जवानों से संपर्क नहीं हो पाया था जो इस कार्रवाई में शामिल थे. तकरीबन 150 सुरक्षा अधिकारी उनकी तलाश में जंगलों में लगाए गए थे. बाद में शहीद जवानों के शव बरामद किए गए.(एजेंसी से इनपुट)

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