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यूपी में चलता होगा दिल्ली में नहीं, हाई कोर्ट ने इस बात पर लगाई पुलिस को फटकार

यूपी में चलता होगा दिल्ली में नहीं हाई कोर्ट ने इस बात पर लगाई पुलिस फटकार

नई दिल्ली. “कोई आपके पास आता है और आप उसकी उम्र की पुष्टि किए बिना गिरफ्तारी करने लगते हैं? चाहे वह नाबालिग हो या बालिग? ऐसा यूपी में चलता होगा, लेकिन दिल्ली में नहीं चलेगा.” ये टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को लेकर की. अदालत ने यूपी पुलिस की उस कार्रवाई पर नाराजगी जताई जिसमें वह दिल्ली पुलिस को बिना बताए एक युवक के परिजनों को गिरफ्तार करने पहुंची थी. युवक और उसकी प्रेमिका ने घरवालों की मर्जी के खिलाफ शादी की, जिसके बाद प्रेमी के पिता व भाई को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हाईकोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में गैरकानूनी रूप से की जाने वाली किसी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी जा सकती. अदालत ने यूपी पुलिस को इस अवैध हरकत के लिए कड़ी डांट लगाई.

दरअसल, यह मामला यूपी के शामली से जुड़ा है. यहां एक लड़की ने घरवालों की इच्छा के खिलाफ अपने प्रेमी के साथ शादी कर ली. लड़की के परिजनों की शिकायत पर शामली पुलिस ने युवक (प्रेमी) के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, लेकिन इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस को नहीं दी गई. विवाहित जोड़े ने कोर्ट से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी. दंपति ने सुरक्षा याचिका में कहा था कि वे बालिग हैं. उन्होंने इसी साल 1 जुलाई को लड़की के माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी की थी. अदालत ने इसी याचिका के आधार पर यूपी पुलिस को डांट लगाई. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विवाहित जोड़े वयस्क थे और उनकी गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस को सूचित नहीं किया जाना, गैरकानूनी है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में बताया गया कि शादी के बाद यूपी पुलिस ने युवक के भाई और पिता को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों करीब दो महीने से यूपी पुलिस की हिरासत में ही थे. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस ने अपने बचाव में कहा कि यह घटना शामली में ही बस स्टैंड की है. लड़की बालिग है, इस बात की जानकारी हमें नहीं दी गई थी. लड़की के घरवालों ने जब लड़के के खिलाफ एफआईआर कराई तो उस समय केवल अपहरण की बात कही गई थी, लड़की की उम्र के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. पुलिस की सफाई पर कोर्ट ने बिना उम्र की जांच किए कार्रवाई शुरू करने पर भी नाराजगी जताई.

 

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी के समय के सीसीटीवी फुटेज की मांग भी की. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने शामली पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जांच करने से पहले शिकायत करने वाले पूछताछ नहीं की गई. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने शामली पुलिस की सफाई पर हैरानी जताते हुए कहा कि आपको लड़के के परिजनों को गिरफ्तार करने की जानकारी मिलती है, लेकिन मामले की जांच करने की जानकारी नहीं मिलती. अदालत ने कहा कि इस घटना के सीसीटीवी फुटेज मंगवाए गए हैं, अगर फुटेज में यूपी पुलिस दिल्ली में एंट्री लेती दिखी तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया जाएगा.

अदालत ने मामले की एफआईआर को देखने के बाद कहा कि इसमें स्पष्ट है कि लड़की की मां यानी शिकायतकर्ता ने बेटी की उम्र 21 साल बताई है. कोर्ट ने इस आधार पर एसएचओ को विस्तृत हलफनामा तैयार करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि इस हलफनामे में यह बताया जाए कि अगर शामली पुलिस लड़की को गिरफ्तार करने दिल्ली आई थी, तो क्या उससे पहले स्थानीय थाने को इसकी जानकारी दी गई या नहीं. हाईकोर्ट ने पुलिस को लड़की का बयान दर्ज करने का आदेश दिया.

 

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