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राष्ट्रीय

वो आखिरी 7 मिनट, जिसने ले ली बिपिन रावत समेत 13 लोगों की जान

तमिलनाडु के कुन्नूर में वायु सेना के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने के बाद अब लोगों को पिछले साल का एक हादसा याद आ रहा है. जनवरी 2020 में ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ की मृत्यु भी एक हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई थी. इस बार भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ समेत 13 लोगों का निधन हेलिकॉप्टर क्रैश में हुआ है. अब तीनों सेना की संयुक्त टीम हादसे का कारण खोज रही है.

MI-17 हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने के बाद उसे 12 बजकर 15 मिनट पर लैंड करना था, लेकिन लैंडिंग से सात मिनट पहले ही उसका एटीसी से संपर्क टूट गया.

 

19 सेकेंड का वो वीडियो

ये संपर्क सिर्फ फ्लाइट से नहीं टूटा, 130 करोड़ देशवासियों से जांबाज जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 जवानों का भी हमेशा के लिए टूट गया. अब ऐसे में सबके मन में बस यही एक सवाल कौंध रहा है कि आखिर उन 7 मिनटों में क्या हुआ था.

हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से ठीक पहले का करीब 19 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया है, जिसका अब विश्लेषण किया जा रहा है. वीडियो में हेलिकॉप्टर बादलों में दाखिल होता हुआ नजर आ रहा है और फिर अचानक नीचे आग के गोले के रूप में गिरा हुआ नजर आया. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मौसम खराब होने की वजह से यह हादसा हुआ?

आखिर कैसे हुआ हेलिकॉप्टर क्रैश?

इस सवाल को लेकर जब आज तक ने रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर दीप्ति काला से बात की तो उन्होंने कहा, फॉग की डेंसिटी और विजिबिलिटी की जानकारी पहले ही पायलट को दी जाती है और इसका क्राइटेरिया है. अगर विजिबिलिटी डाउन हैं तो फ्लाइंग नहीं होगी, या जहां बीच में वेदर खराब हो जाता है तो उसके लिए पायलट को पता होता है कि क्या करना है. पायलट या तो नियर बाइ लैंड करेंगे या वेट करेंगे मौसम ठीक हो जाए. हर एक  चीज की जानकारी पायलट को दी जाती है.

ऐसे में दूसरा सवाल ये उठता है कि क्या इंजन फेल होने से हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ? इस सवाल का जवाब देते हुए रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन अमिताभ रंजन ने बताया कि MI-17 हेलिकॉप्टर की खासियत ये है कि इसके एक इंजन में भी इतनी ताकत है कि यह कहीं से भी निकलकर आ सकता है, लैंड कर सकता है. ये तो दो इंजन वाला हेलिकॉप्टर है, दोनों एक साथ लगातार काम करते हैं. ऐसा नहीं है कि इमरजेंसी के समय एक ऑफ होगा, दूसरा ऑन होगा.

‘दोनों इंजन एक साथ नहीं हो सकते बंद’

उन्होंने बताया कि जहाज के उड़ान से ठीक पहले उसकी सैंपलिंग की जाती है, अगर किसी कारणवश फ्यूल में ऐसा तत्व आ गया कि एक इंजन बंद हो गया तो दूसरा इंजन बंद नहीं हो सकता. दोनों इंजन एक साथ बंद नहीं हो सकते हैं.

तीन साल तक वायुसेना के MI-17 V5 हेलिकॉप्टर उड़ाने के अनुभवी रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन अमिताभ रंजन ने इंजन की खराबी से क्रैश होने की आशंका से इनकार कर दिया.

अब ऐसे में लोगों के मन में यह पश्न उठ रहा है कि आखिर उस आखिरी सात मिनट में क्या हुआ? जिसकी जांच वायुसेना की तरफ से एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बनी टीम कर रही है.

ब्लैक बॉक्स खोलेगा हर राज

हेलिकॉप्टर क्रैश से जुड़ी सभी सटीक जानकारी के लिए अब सारी उम्मीदें किसी भी विमान-हेलिकॉप्टर के सारे राज कैद करने वाले ब्लैक बॉक्स से हैं.

माना जाता है कि 70 फीसदी तक हर क्रैश की वजह ब्लैक बॉक्स बता देता है. कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में कई सवालों के जवाब ब्लैक बॉक्स को ही देने हैं.

इस हादसे को लेकर रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन अमिताभ रंजन ने कहा, मेरा तजुर्बा ये कहता है कि ये हेलिकॉप्टर उड़ता हुआ जमीन में गिर गया है. इस हेलीकॉप्टर में फ्यूल की केपिसिटी 2600 लीटर होती है और 800 लीटर प्रति घंटे इस्तेमाल करता है. हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ और क्रैश के बीच 15 मिनट का समय बीता था यानी बहुत कम फ्यूल खर्च हुआ था, करीब 2000 लीटर फ्यूल बचा होगा जो जलने के लिए बहुत होता है, आग भीषण हो सकती है.

उन्होंने कहा, मुझे जो बात समझ आती है, वो ये है कि जरूर कोई इमरजेंसी हुई होगी जिसके कारण पायलट को पहाड़ों के बीच धुंध में घुसना पड़ा. हादसे के कारणों का पता जलकर खाक हो चुके हेलिकॉप्टर के पिछले हिस्से में लगे डेटा रिकॉर्ड के जांच से ही चलेगा.

 

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