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Bulandshahr

भगवान को पाने के लिए अधिक उम्र का होना या धन का होना आवश्यक नहीं

बुलंदशहर:- डीएम रोड नर्वदेश्वर मंदिर धाम के निकट पार्क में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस के पावन प्रसंग में परम पूज्य काष्णिॅ सुमेधानंद जी महाराज ने कथा में भागवत कथा के महत्व का वर्णन किया| महाराज श्री ने कहा कि कथा को बार-बार सुनना चाहिए जिससे हमारे हृदय का ज्ञान दूर हटकर हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है|
महाराज श्री ने कथा में बताया कि जहां अपमान हो, आदर न हो तो ऐसी जगह पर बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए। माता सती बिना बुलाए पिता के यज्ञ में गई। वहां पर माता सती को अपना और शंकर भगवान का अपमान सहन नहीं हुआ और योग अग्नि से अपने शरीर को जलाकर भस्म कर दिया। महाराज श्री ने कहा कि भगवान को पाने के लिए अधिक उम्र का होना या धन का होना आवश्यक नहीं है। भक्त ध्रुव ने साढ़े पांच वर्ष की उम्र में ही भगवान को तपस्या कर के प्राप्त कर लिया था। भागवत में लिखा है कि भगवान ध्रुव को दर्शन देने नहीं बल्कि ध्रुव का दर्शन करने के लिए आए। महाराज श्री ने बताया की बुरे संग में होने के बाद भी अजामिल जैसे डाकू भी भगवान के नाम और संतों की कृपा से परम पद को प्राप्त कर गया। इसलिए मनुष्य को जीवन में हमेशा भगवान का सुमिरन करते रहना चाहिए, क्योंकि इस जीवन कुछ पता नहीं कौन सा पल हमारे लिए आखिरी पल हो। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है वह वैसा ही फल भोगता है। गज ग्राह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हमें कभी भी रुपये, यौवन, संपत्ति, शक्ति का अभिमान नहीं करना चाहिए। गज को अपनी ताकत पर अभिमान था, लेकिन संकट में उसकी ताकत और परिवार काम नहीं आया। अंत में हारकर उसने नारायण को पुकारा और नारायण ने उसकी रक्षा की|
आज की भागवत कथा में सुनील माहेश्वरी ,अजय मित्तल, संजय गोयल ,राधेश्याम गुप्ता, चेतन अग्रवाल ,विवेक शर्मा ,भूपेंद्र चौधरी ,संदीप सक्सेना, वंदना शर्मा ,सीमा माहेश्वरी, नीना महेश्वरी, संगीता मित्तल, भावना गुप्ता ,पूनम शर्मा व सैकड़ों की संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे|

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