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राष्ट्रीय

नसरुदीन शाह हम डरेंगे नही अपितु लड़ेंगे , ऐसा क्यों -दिव्य अग्रवाल

भारत का मुसलमान लड़ना जानता है मुसलमान डरने वाला नही है । इस तरह की बयानबाजी फिल्मकार नसरुदीन शाह ने की है । गुस्ताखे रसूल की एक ही सजा सर तन से जुदा तन सर से जुदा जैसे नारे, ईशनिंदा का आरोप लगाकर निर्दोष हिन्दुओ की हत्या , लव जिहाद में लड़कियों की दुर्दशा , सी ए ए कानून के विरोध में हिंसा , दिल्ली दंगो में जिहादि तांडव ,पालघर में साधुओं की हत्या जैसी अनेकों जघन्य घटनाएं देखकर, नसरुदीन शाह की बात स्वतः सिद्ध हो जाती है कि भारत के मुसलमान लड़ेंगे।भारत की जेलों में बंद कैदियों व थानों में पंजीकृत मुकदमो का विश्लेषण के आधार पर भी नसरुदीन शाह की बात सत्य साबित होती है कि भारत का मुसलमान डरने वाला नही है ।भारत की मिट्टी में मुसलमानों का खून मिला है इसलिए यह भूमि हमारी है तो साहब फिर पाकिस्तान क्यों लिया था ।अब पाकिस्तान भी मुसलमानों का और हिंदुस्तान भी तो हिन्दुओ का भी कुछ है या पूरे विश्व मे हिन्दुओ का कोई अपना देश ही नही बचा है । ये अति विचारणीय प्रश्न है । जिस तरह कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी की गयी तो क्या उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी नही थी ।

फिल्मकार नसरुदीन शाह

यदि नही थी तो उन मौलानाओं , इस्लामिक नेताओ व सेक्युलर बुद्धिजीवियों को किस प्रकार की अभिव्यक्ति की आजादी है । जिसका सहारा लेकर भारत के टुकड़े होंगे , भारत का मुसलमान बदला लेगा ,भगवा की कब्र खुदेगी, मोदी योगी नही रहेंगे तब तुम्हे कौन बचाएगा इस तरह के व्यक्तव्य देकर भारत के हिन्दुओ को डराने व भय व्याप्त करने का कार्य किया जा रहा है।सेक्युलर शब्द का सहारा लेकर जिस संविधान की दुहाई दी जाती है । क्या उस संविधान के निर्माता परम् आदरणीय बाबा साहेब अंबेडकर की बात सत्य साबित होने वाली है । उन्होंने स्पष्ट कहा था धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ है एवम प्रत्येक मुसलमान को विभाजित हुए देश पाकिस्तान जाना चाहिए अन्यथा भारत के भविष्य के लिए उचित नही होगा । आज प्रत्येक कटरपंथी, गैर इस्लामिक धर्म व उनके अनुयायियों को डराने व धमकाने में लगा हुआ है । सच मे भारत का मुसलमान नही अपितु हिन्दू बहूत डरा हुआ है ।इस पीड़ा को देखते हुए हिन्दुओ के कुछ धर्मगुरुओ ने अपने समाज की आत्मरक्षा पर विचार विमर्श किया एवम रक्षार्थ हेतु कुछ मानक बनाने की बात रखी तत्पश्चात सारे सेक्युलर नेता एवम विदेशी दूतावास के लोग अल्पसंख्यक समाज के हितों की बात करने लगे ।ये सब लोग या संस्थाए तब कहा चली जाती है जब पाकिस्तान में जबरन हिन्दू लड़कियों का धर्म परिवर्तन किया जाता है , बलात्कार किया जाता है , हिन्दुओ का नरसंघार किया जाता है । बंगलादेश में हिन्दू धार्मिक स्थलों को खंडित कर हिन्दुओ के साथ जघन्य अपराध किया जाता है । भारत के विभिन्न राज्यो मे हिन्दू धर्म गुरुओं को सत्य कहने भर पर मुकदमे लगाकर गिरफ्तार कर लिया जाता है । जबकि उन मौलानाओं को आज तक गिरफ्तार नही किया जाता जिन पर गंभीर धाराओं में पहले से ही मुकदमे दर्ज हैं। वास्तव में नसरुद्दीन साहब भारत के मुसलमान को नही अपितु हिन्दू को डर लगता है । वास्तव में नसरुद्दीन साहब आपने मुगलों का समर्थन करके एवम यह व्यक्तव्य देकर की भारत का मुसलमान लड़ेगा यह साबित कर दिया कि मानवताप्रेमियो एवम गैरइस्लामिक लोगो को डर लगना चाहिए।

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