उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की बीजेपी MLA नंद किशोर गुर्जर से मुलाकात, शिकायत पर दिया ये आश्वासन
सीएम योगी की बीजेपी MLA नंद किशोर गुर्जर से मुलाकात, शिकायत पर दिया ये आश्वासन
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन अपनी समस्याओं को लेकर धरना देने वाले गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर की मंगलवार देर रात सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई. मुलाक़ात में गुर्जर ने 29 नवम्बर को लिखे पत्र का भी ज़िक्र किया. जानकारी के अनुसार गुर्जर की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि ऐसे प्रकरण को गम्भीरता से लिया जाएगा. सीएम के निर्देश पर अब इस मामले पर कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना नजर रखेंगे.
बता दें, मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सप्लाई इंस्पेक्टर के द्वारा अपने परिवार के उत्पीड़न का मामला उठाने की कोशिश की, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना की तरफ से उन्हें रोक दिया गया. इस पर सदन के अन्य सदस्य आक्रोशित हो गए. यह देख सदन की कार्यवाही को पहले आधे घंटे और फिर 15 मिनट के लिए स्थगित किया गया. लेकिन विधायकों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. आखिरकार सदन की कार्यवाही 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई.
डिप्टी सीएम-मंत्री की बातों से कम नहीं हुआ गुस्सा
सदन के स्थगन के बाद भी सत्तापक्ष और विपक्षी पार्टियों के विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में सदन में ही मौजूद रहे. ये विधायक सप्लाई इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. इस बीच मौके की नजाकत को देखते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा (Deputy CM Dinesh Sharma) ने कई बार नंदकिशोर गुर्जर से बातचीत कर नाराजगी दूर करने की कोशिश की, लेकिन उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ.
विपक्ष भी सत्ताधारी दल के साथ
हर मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल खड़े करना वाला विपक्ष, सत्तापक्ष के विधायक के समर्थन में आया, जिससे सदन की तस्वीर बदली सी नजर आई. विधायकों की ये मांग थी कि विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए डीएम, एसपी और सप्लाई इंस्पेक्टर को सदन में बुलाकर कार्रवाई की जाए, लेकिन 3 घंटे तक इस मुद्दे पर जिच चलती रही. आखिरकार देर शाम विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नरायण दीक्षित के आश्वासन पर नंदकिशोर गुर्जर की नाराजगी और विधायकों का धरना दोनों खत्म हुआ. इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ी. अंततः जब विधानसभा अध्यक्ष मामले में बीच-बचाव को उतरे, तब जाकर मामला शांत हो सका.