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Bulandshahr

जिलाधिकारी ने टीबी ग्रसित बच्चों को प्रदान की पोषण किट

- टीबी लाइलाज बीमारी नहीं, नियमित उपचार से हो सकती है ठीक   

बुलंदशहर: जिलाधकारी चंद्र प्रकाश ने गुरुवार को टीबी से ग्रसित 0-18 वर्ष तक के 12 बच्चों को पोषण किट प्रदान की। प्रदेश की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल के आह्वान पर तमाम सामाजिक संगठन टीबी से ग्रसित बच्चों व लोगों को गोद लेने के लिए आगे आये हैं। बहुत से प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पहल की है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी ने भी दो बच्चों को गोद लिया है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा – क्षय रोग का इलाज संभव है, अब यह बीमारी लाइलाज नहीं है। टीबी से ग्रसित मरीजों को खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। पोष्टिक आहार के साथ नियमित दवा के सेवन से वह स्वस्थ हो सकते हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके सिंह ने बताया जिलाधिकारी कार्यालय में 0 से 18 साल तक के टीबी ग्रसित 12 बच्चों को पुष्टाहार (चना, गुड़, बादाम, दलिया, सेव व केला) वितरित किया गया। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया बच्चों में टीबी के लक्षण जान पाना और इलाज करवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। बच्चों में वयस्कों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। बच्चे को शाम के समय हल्का बुखार होना, कमजोरी होना, वजन कम होना टीबी के लक्षण हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने, खसरा होने, टायफाइड होने एवं पौष्टिक आहार नहीं मिलने पर टीबी होने की आशंका बढ़ जाती है। दिमागी टीबी होने पर रोगी को बुखार, अंग का काम नहीं करने, बेहोशी छाने जैसे लक्षण पाये जाते हैं, जबकि फेफड़ों की टीबी होने पर रोगी में पसली चलने, तेज बुखार होने, सांस तेज चलने, तेज खांसी होने जैसे लक्षण होते हैं, जबकि गांठ वाली टीबी में गले, बगल में गांठ पड़ जाती है। इसमें दर्द होता है। ऐसी स्थिति में जांच अवश्य करानी चाहिए। नियमित दवा और परहेज से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उपचार के साथ-साथ मरीज को खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान रोटरी क्लब बुलंदशहर के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, अनिल कुमार, सूर्य भूषण मित्तल, डा. कमलेंद्र भारद्वाज मौजूद रहे। गौरतलब है कि  रोटरी क्लब बुलंदशहर ने 10 बच्चों को गोद लिया हुआ है।

पौष्टिक आहार का सेवन करें

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुनील कुमार बताते हैं टीबी रोगी को पौष्टिक आहार दें, फास्ट फूड से परहेज करें। यदि परिवार में कोई सदस्य टीबी से ग्रसित है तो परिवार के सभी सदस्यों की जांच करा कर दवा लें। नियमित रूप से दवा का सेवन करें। सभी सरकारी अस्पतालों में बलगम की जांच एवं दवा निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।

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