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उत्तर प्रदेश

‘केजरीवाल मॉडल’ के सहारे उत्तर प्रदेश फतह की तैयारी में प्रियंका गांधी!

लखनऊ. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस का खाता न खुला हो लेकिन उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जोड़ी लगातार मेहनत कर रही है. मिशन 2022 को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अब यूपी में ‘केजरीवाल मॉडल’ का सहारा लेगी. कांग्रेस बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को हथियार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.

आजमगढ़ के दौरे पर प्रियंका गांधी

इसी क्रम में प्रियंका गांधी बुधवार को समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ पहुंच रही हैं. प्रियंका गांधी यहां नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों पर की गई पुलिस कार्रवाई में जेल गए लोगों और उनके परिजनों से मुलाकात करेंगी.

प्रियंका-लल्लू की जोड़ी से कांग्रेसियों में उत्साह

बता दें कि प्रियंका गांधी लगातार किसान, कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर यूपी की सड़कों पर संघर्ष करती दिख रही हैं. जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. हताश और निराश कांग्रेस कार्यकर्ताओं में प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू की जोड़ी ने जान फूंकने का काम किया है. अब आगे की रणनीति दिल्ली के ‘केजरीवाल मॉडल’ पर तय होगी. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक पार्टी अब बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगार, महिलाओं और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरेगी.

कांग्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका गांधी बुधवार को आजमगढ़ पहुंच रही हैं. उनके दौरे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है. वो लगातार जमीन से जुड़े मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही हैं. आजमगढ़ की जमीन से वो सीएए और एनआरसी के विरोध में आवाज बुलंद करेंगी. इतना ही नहीं आम जन मानस से जुड़े मुद्दों को भी लेकर प्रियंका सड़क पर उतर रही हैं. कांग्रेस हमेशा से ही गरीबों, दलितों, किसानों, युवा और महिलाओं के मुद्दों पर संघर्ष करती रही है.

लगातार सड़कों पर नजर आ रही हैं प्रियंका गांधी

बता दें कि सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार का मामला रहा हो, या फिर ब्राह्मणों की हत्या के बाद ब्राह्मण यात्रा, उन्नाव और शाहजहांपुर रेप पीड़ितों का मामला, या फिर सीएए का विरोध करने वालों पर पुलिसिया कार्रवाई और गन्ना किसानों के भुगतान का मुद्दा सभी पर प्रियंका गांधी ने न सिर्फ मुखर होकर अपनी बात रखी बल्कि सड़कों पर भी वो उतरीं. अब प्रियंका बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को लेकर भी कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष करती नजर आ सकती हैं.

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