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Bulandshahr

प्राचीन नागेश्वर मंदिर कमेटी अध्यक्ष विवाद पहुंचा पुलिस के दरबार

थाना प्रभारी राजपाल तौमर ने सर्वसम्मति से तीसरे पक्ष को निर्णय होने तक देखभाल की सौंपी जिम्मेदारी

औरंगाबाद( बुलंदशहर) एक पखवाड़े से चला आ रहा प्राचीन नागेश्वर मंदिर कमेटी अध्यक्ष पद विवाद थाना प्रभारी राजपाल तौमर की सूझबूझ से आखिर सुलझ ही गया। अब  नागेश्वर मंदिर कमेटी के  दोनों पक्षों में फैसला होने तक तीसरे पक्ष को देखभाल की जिम्मेदारी सौंप दी है
विदित हो कि जन्माष्टमी के दो दिन बाद प्राचीन नागेश्वर मंदिर परिसर में एक आम सभा का आयोजन दीपक अग्रवाल उर्फ दीनू जी की पहल पर किया गया था। उसमें मौजूद हिंदू समाज के लोगों ने अरसे से बिना किसी चुनाव संपन्न कराये स्वयंभू अध्यक्ष चले आ रहे राजीव कौशल के स्थान पर नये अध्यक्ष का चुनाव करने की प्रक्रिया शुरू की। राजीव कौशल ने गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए मंदिर में गुंडाराज की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दे दी और स्वयं अपने कुछ समर्थकों के साथ मंदिर परिसर छोड मीटिंग का बायकॉट कर दिया। मंदिर प्रांगण में गुंडागर्दी की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी राजपाल तौमर के निर्देश पर उप निरीक्षक सर्वेश यादव और एस आई रामवीर सिंह मय फोर्स मौके पर जा पहुंचे। वहां का माहौल देख उन्होंने झूठी सूचना पर आश्चर्य जताते हुए मीटिंग की संपूर्ण कारवाई के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। समाज की बैठक में सचिन वर्मा को सर्व सम्मति से प्राचीन नागेश्वर मंदिर कमेटी का अध्यक्ष चुना गया और उनको अपनी कार्यकारिणी गठित करने का निर्देश दिया गया।


इस मीटिंग के बाद दोनों पक्षों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जहां एक ओर पुराने अध्यक्ष खुद को वैध अध्यक्ष बताते हुए नये चयन को असंवैधानिक करार देते हुए मेरठ संस्था रजिस्ट्रेशन कार्यालय पहुंचे वहीं दूसरी ओर नये अध्यक्ष ने भी मेरठ पहुंचकर खुद को समाज द्वारा चुना गया अध्यक्ष बताते हुए संस्था रजिस्ट्रेशन के कागजात जमा करा दिए। वहां बताया गया कि वर्ष 1992में मंदिर कमेटी का रजिस्ट्रेशन कराया गया जिसके अध्यक्ष नरेशचंद्र अग्रवाल और प्रबंधक लाला प्रेमचंद अग्रवाल थे। उसके बाद वर्ष 2013में इस कमैटी का नवीनीकरण कराने का आवेदन किया गया था लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा शपथ पत्र देकर अपनी असहमति जताई जिसपर वर्ष 2013से 2018तक के लिए नवीनीकरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया जो कि पत्रावली में मौजूद पाया गया।
इसके बाद राजीव कौशल ने खुद को वैध अध्यक्ष बताते हुए दूसरे पक्ष को बाजार से चंदा एकत्र करने को रोकने के लिए थाने पर प्रार्थना पत्र दे दिया तथा दूसरे पक्ष पर शांति भंग करने व असामाजिक तत्वों के बल पर मंदिर के कार्यों में दखल देने की बात कही। थाना प्रभारी राजपाल तौमर ने स्थित की गंभीरता को भांपकर दोनों पक्षों को कसबा चौकी पर वार्ता के लिए आमंत्रित किया।इस दौरान समाज के काफी लोग भी कसबा चौकी पर पहुंचे। वार्ता और कागजात देखने पर पाया गया कि तमाम दावों के बाबजूद पुरानी कमैटी के पास सोसायटी रजिस्ट्रेशन का वैध प्रमाण पत्र मौजूद नहीं है। बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के पाये जाने पर थाना प्रभारी राजपाल तौमर ने दोनों नई व पुरानी कमैटी को अमान्य घोषित करते हुए नये अध्यक्ष का चयन करने का सुझाव दिया। दोनों पक्षों की सहमति के पश्चात टीटू वर्मा ( सर्राफ)को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। तथा दोनों पक्षों को बाजार से चंदा एकत्र करने की रोक लगाते हुए दोनों पक्षों को प्रति माह दस दस हजार रुपए मंदिर ख़र्च हेतु अदा करने का निर्देश दिया गया। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक कोई भी पक्ष अपने पक्ष में सोसायटी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर लेता।
थाना प्रभारी राजपाल तौमर की सूझबूझ से धार्मिक विवाद शांति पूर्वक संपन्न हो जाने पर कस्बे के गणमान्य लोगों ने खुशी जताई है और थाना प्रभारी राजपाल तौमर का आभार व्यक्त किया है।
मीटिंग में राजीव कौशल,बौबी शर्मा कांता प्रसाद, जयप्रकाश गुप्ता, नवनीत गुप्ता, दीनू अग्रवाल, नितिन सिंघल, मनोज गर्ग, सुरेन्द्र शर्मा बलबीर शर्मा, सचिन वर्मा,रामू सर्राफ,किशन आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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