[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
उत्तर प्रदेश

अनुशासन के साथ धैर्य और संयम भी जरूरी – डॉ० उपाध्याय

अधीरता और त्वरित निर्णय हमारे विकास में बाधक  

प्रयागराज:भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ में अनुशासन के साथ धैर्य और संयम रखने वाले साथियों को ही सम्मान पाने के योग्य समझा जाता है | प्रायः अधीरता में त्वरित निर्णय लेने वाले स्वयं अपने विकास में बाधक बन जाते हैं |

उपरोक्त विचार भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने उस समय व्यक्त किया जब वह महासंघ द्वारा आगामी माह में आयोजित होने वाले चिंतन शिविर की रुपरेखा सुनिश्चित करने के लिए संचालन समिति की बैठक में बोल रहे थे | डॉ उपाध्याय ने कहा कि ऐसे पदाधिकारी और सदस्य अपना सम्मान तो खोते ही हैं , संगठन में भी एक गलत संदेश प्रसारित करते हैं | इसलिए हमें परिवार को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन के साथ-साथ धैर्य और संयम रखना भी जरूरी होता है, तभी हम अपनी इकाई अथवा अपने परिवार में सम्मान पाने के हकदार होंगे | कभी-कभी संगठन के साथी छोटी-छोटी बातों को इतना अधिक तूल दे देते हैं कि वह अपना सम्मान तो गिराते ही हैं संगठन के शीर्ष नेतृत्व की दृष्टि में भी गिर जाते हैं | इसलिए हम जल्दबाजी में अथवा आनन फानन विना विचार किए कोई निर्णय न लेकर उसे पर गम्भीर होकर विचार करें | हमारी समस्याओं का समाधान न होने पर ही हम अंतिम विकल्प के रूप में पलायन को अंगीकार करें | प्रायः देखा गया है कि कुछ सम्मानित साथी आयोजनों में कभी मंच पर न बैठने के लिए , कभी माला न पहनाने के लिए , कभी सम्मान पत्र अथवा शील्ड न मिलने के लिए तो कभी उद्बोधन में नाम ना पुकारने की शिकायत करते हैं | यदि वे इन सबको दरकिनार करके केवल संगठन के प्रति निष्ठावान बने रहें और संयम व धैर्य से कम लेकर सहयोग करते रहें तो निश्चित रूप से उन्हें उनका उचित सम्मान मिलेगा और वह सदैव शीर्ष नेतृत्व की दृष्टि में बने रहेंगे | पिछले दिनों कई ऐसे साथी जिन्होंने अपने कुत्सित विचारों का प्रदर्शन करके संगठन से विद्रोह किया और अब वह कहीं के नहीं रह गए | कोई उनका नाम लेवा भी नहीं रह गया | ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें संगठन के प्रति सदैव निष्ठावान होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति विशेष के प्रति | डॉ उपाध्याय ने कहा कि आपस में यदि कभी कोई ऐसी बात आ जाए जो स्वयं को अपमानजनक लगे तो उसे मिल बैठकर सुलझा लेना चाहिए क्योंकि आपसी संवाद बहुत कुछ समस्याओं का निराकरण कर देता है | भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ परिवार में निश्चित रूप से सभी उंगलियां बराबर नहीं होती लेकिन आपको अपनी ओर भी आत्म अवलोकन करते रहना चाहिए | आनलाइन हुई इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनेश्वर मिश्र , मुख्य महासचिव मथुरा प्रसाद धुरिया , मीडिया प्रभारी पवनेश कुमार पवन , कोषाध्यक्ष शिव शंकर पाण्डेय , कार्यालय महासचिव श्याम सुंदर सिंह पटेल , महासचिव योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबंधु , साहित्य प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ राम लखन चौरसिया वागीश आदि कई पदाधिकारियों ने अपना मत व्यक्त किया तथा संचालन और आभार आर के त्रिपाठी ने किया ,

Show More

Related Articles

Close