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उत्तर प्रदेश

यूपी में मिला जीका वायरस क्या पहला केस ,जाने लक्षण

यूपी में मिला जीका वायरस क्या पहला केस ,जाने लक्षण

नई दिल्ली. पिछले दो सालों में कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने सबके मन में वायरस (Coronavirus) को लेकर डर का भाव पैदा कर दिया है. वहीं केरल में इस साल की शुरुआत में जीका वायरस (Zika virus) के 14 मामले सामने आए थे और राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कदम उठाते हुए सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया था. रविवार 24 अक्टूबर के बाद यूपी में भी ऐसा ही हो रहा है, क्योंकि राज्य में भारतीय वायुसेना का एक वारंट ऑफिसर जीका वायरस (Zika virus) संक्रमण से पीड़ित पाया गया है.

भारतीय वायुसेना के पीड़ित कर्मचारी का अस्पताल में इलाज चल रहा है, वहीं उनके संपर्क में आए 22 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. वहीं जीका वायरस संक्रमण से व्याप्त खतरे की आशंका को देखते हैं राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. वहीं कई सारी अन्य टीमों को जिलों में वायरस संक्रमण को चेक करने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि जीका वायरस, कोरोना वायरस की तरह जानलेवा नहीं है, लेकिन इसके संक्रमण से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट खड़ा हो सकता है. यहां जानिए जीका वायरस के बारे में सबकुछ –

क्या है जीका वायरस

जीका वायरस का पहला मामला 1947 में उगांडा में बंदरों में पाया गया था. लेकिन, इंसानों में पहला केस 1952 में मिला था. ये वायरस संक्रमित मच्छरों के जरिए इंसानों में फैलता है. लेकिन, अच्छी बात है कि जीका वायरस सभी मच्छरों से नहीं फैलता और ना ही संक्रमित मच्छरों के काटने से हर व्यक्ति वायरस संक्रमित हो सकता है. जीका वायरस का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है, जो जीका वायरस संक्रमण वाले इलाकों में यात्रा करते हैं.

वायरस कैसे फैलता है?

जीका वायरस मुख्यत एडीज प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है. एक इंसान से दूसरे इंसान में जीका वायरस संक्रमण के फैलने का खतरा तब होता है, जब दो लोग शारीरिक संबंध बनाएं. अगर पार्टनर संक्रमित है तो जीका वायरस मुखमैथुन और गुदामैथुन से भी फैल सकता है. जीका वायरस संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को और खून के जरिए भी फैल सकता है.

जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?

जीका वायरस के केस में फ्लू जैसा बुखार हो सकता है. रैशेज, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कंजक्शनवाइटिस और आंख लाल हो सकती है. अमेरिका की स्वास्थ्य संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक जीका के चलते मौत के मामले दुर्लभ होते हैं. आम तौर पर वायरस के लक्ष्य हल्के होते हैं और बहुत ही गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है.

जीका से गर्भवतियों को खतरा?

जीका संक्रमण से संक्रमित गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे में जन्म दोष और दूसरी तरह की न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है. हालांकि यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि अगर कोई गर्भवती जीका वायरस से संक्रमित हो गई तो बच्चे में न्यूरोडेवलपमेंटल बाधाएं होंगी ही.

क्या सावधानियां रखनी चाहिए

सबसे पहले तो आपको जीका वायरस संक्रमण वाले इलाके की यात्रा नहीं करनी चाहिए. अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो हर समय मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें. यह भी सलाह दी जाती है कि जीका वायरस संक्रमित पार्टनर के साथ सेक्सुअल संबंध ना बनाएं.

हालांकि अभी तक जीका वायरस की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं और अजन्मे बच्चे को लेकर खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई गर्भवती महिला संक्रमित पाई जाती है, तो सारा फोकस आगामी महीनों में बच्चे के लिए विकास पर केंद्रित होना चाहिए.

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