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Bulandshahr

कैसे हो राम की लीला का मंचन लीला स्थल पर हो गया भीषण जल भराव

नगर पंचायत ने ख़र्च किए थे पैंतीस लाख समस्या जस की तस, माननीय का हस्तक्षेप समस्या समाधान में बन गया था रोड़ा

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) औरंगाबाद कस्बे में रामलीला मंचन खटाई में पड़ गया है। रामलीला मंचन 22सितंबर से प्राचीन नागेश्वर मंदिर के पास होना था। लेकिन भारी बारिश से रामलीला मंचन स्थल पर जल भराव हो गया। आयोजकों के तमाम प्रयासों के बाबजूद गुरुवार को रामलीला मंचन संभव नहीं हो सका।
नागेश्वर मंदिर परिसर में जल भराव होना कोई नई समस्या नहीं है। यह इस कसबे की बृहद ज्वलंत समस्या बन चुकी है। नागेश्वर मंदिर परिसर और उसके आसपास जल भराव की समस्या विगत छः सात साल से पैदा हुई है। जहां तक बारिश होने ना होने का सवाल है बारिश तो हमेशा से ही होती रही है लेकिन सात आठ साल पहले जल भराव पहले नहीं होता था। धार्मिक जन बारिश की अति होने पर भी मंदिर जाते रहे तब बारिश का पानी बालका रोड़ होते हुए बादशाह पुर तालाब तक जाता था।


जल भराव की समस्या तब पैदा हुई जब प्रभावी राजनेताओं ने बालका रोड़ पर अतिक्रमण कर नाला अवरूद्ध कर दिया। नाले पर हुआ भारी अतिक्रमण नागेश्वर मंदिर परिसर में जल भराव का एक मात्र कारण बना हुआ है।
ऐसा भी नहीं है कि नागरिकों ने प्राचीन नागेश्वर मंदिर परिसर में जल भराव समस्या समाधान कराने हेतु आवाज ही ना उठाई हो। दर्जनों बार विभिन्न मंचों पर समस्या समाधान कराने हेतु आवाज उठाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले नागेश्वर मंदिर परिसर में नागरिकों ने विधायक संजय शर्मा को मीटिंग में बुलाया और समस्या समाधान कराने की मांग की। विधायक संजय शर्मा ने ई ओ को तलब कर बालका रोड़ पर हुए नाले पर अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए। एस डी एम सदर ए के सिंह से वार्ता की। और अगले ही दिन बालका रोड़ पर नगर पंचायत ने एस डी एम सदर की देखरेख में नाले की खुदाई शुरू करा दी।
लगभग तीन बजे तक काम चलता रहा। एक असरदार सत्तारूढ़ पार्टी नेता जी ने एस डी एम सदर को फोन करके वापस बुला लिया। काम रूक गया जो‌ तमाम आश्वासनों के बाबजूद पुनः शुरू नहीं हो सका।
इसी बीच तत्कालिक अधिशासी अधिकारी नवीन कुमार सिंह ने मंदिर परिसर के निकट तालाब की खुदाई की योजना बना डाली। हालांकि नागरिकों ने उसी समय योजना की सफलता पर गहरा प्रश्न चिन्ह लगा कर योजना क्रियान्वयन पर एतराज़ जताया लेकिन नगर पंचायत नहीं मानी और तालाब में खुदाई शुरू करा दी और इस कार्य पर पैंतीस लाख रुपए खर्च कर दिए। वास्तविक खर्च कितना हुआ यह नवीन कुमार सिंह जाने या फिर राम जाने। लेकिन पैंतीस लाख रुपए खर्च किए जाने के बाबजूद जल भराव समस्या जस की तस बनी हुई है।
मंदिर परिसर में तथा आसपास जल भराव से नदी नाले बन गये हैं। अनेक स्कूल ,श्मशान घाट, रावण मेला स्थल जाने वाले मार्ग पर जल भराव हो गया है अतः वहां पहुंचना टेढ़ी खीर बना हुआ है।
फिलहाल रामलीला मंचन नागेश्वर मंदिर परिसर के बाहर संभव नहीं है। आम धार्मिक जनों की भावनाओं को ठेस पहुंची है भाजपा के राज में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में कस्बे की रामलीला को ग्रहण लगा है इससे बड़ी शर्म की बात और भला क्या हो सकती है?

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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