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Bulandshahr

राशन वितरण में धांधली चरम पर,उपभोक्ताओं को कटौती से मिलता है राशन

पूर्ति निरीक्षक लेता है राशन डीलरों से महीना,नहीं होती उपभोक्ताओं की कोई सुनवाई

औरंगाबाद (बुलंदशहर) औरंगाबाद सहित तमाम देहात में राशन वितरण की धांधली चरम पर है। जहां उपभोक्ता कम मात्रा में राशन दिये जाने की शिकायतें करते नहीं अघाते वहीं दूसरी ओर राशन डीलर कम राशन आने,दबी जुबान से इंस्पेक्टर साहब की अवैध वसूली और वजन में कम मात्रा मिलने की शिकायत करने से नहीं चूकते।

आम उपभोक्ता को यही पता नहीं होता है कि डीलर किस महीने का राशन दे रहा है। एक राशन डीलर से पूछताछ करने पर पता चला कि अभी तक सिर्फ सितंबर का राशन उपभोक्ताओं को दिया गया है। कुछ लोगों को जब मिल गया वही बहुत है। जो उपभोक्ता कम मात्रा में राशन वितरण की शिकायत करने लगता है उसे डीलर साफ साफ बता देता है कि अगर ज्यादा नेता जी बने तो राशन कार्ड से भी हाथ धो बैठोगे। इंस्पेक्टर साहब से कहकर कार्ड कैंसिल करा देने में दो मिनट लगते हैं।

जिला अधिकारी हों अथवा कमिश्नर , मंत्री हों अथवा विधायक राशन की कटौती कोई भी नहीं रूकवा सकता है। लोग बताते हैं कि अधिकांश राशन डीलर खुद नेता,सभासद, और सांसद विधायक के खासमखास हैं । यदि जिले के किसी अधिकारी को राशन वितरण में गड़बड़ी किये जाने पर शक शुबहा हो तो वह स्वयं कसबे में पहुंच कर बिना किसी आपूर्ति निरीक्षक को साथ लिए किसी भी गली मौहल्ले में पहुंच कर उपभोक्ताओं से संपर्क कर हकीकत से रूबरू हो सकता है ।

उपभोक्ताओं का कहना है कि शिकायत करने पर भी राशन डीलर का कुछ नहीं बिगड़ेगा। इंस्पेक्टर महीने में अवैध वसूली करके खुला संरक्षण देते हैं। कुछ लोगों ने एक राशन डीलर की शिकायत की थी उसका नतीजा यह हुआ कि लगभग एक दर्जन उपभोक्ताओं को राशन डीलर की मेहरबानी से राशन कार्ड से ही हाथ धोना पड़ा था।

यदि जिलाधिकारी की मंशा राशन वितरण में गड़बड़ी रोकने की है तो वह एक सचल दल बनाकर गांव देहात कस्बे में डीलर की दुकान पर जाये बिना एक स्थान पर वीडियोग्राफी करायें जहां से होकर उपभोक्ता डीलर से राशन लेने के बाद गुजर रहे हों उनके कार्ड पर दर्ज एंट्री वास्तविक रूप से दिया गया राशन कीमत और वजन चैक करायें ।उस सचल दल में आपूर्ति विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी शामिल नहीं हो तो वस्तु स्थिति की सच्चाई और आपूर्ति विभाग की धांधली सामने आते देर नहीं लगेगी। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता और राशन वितरण की तमाम सच्चाई शासन प्रशासन से छुपी नहीं रह सकेगी।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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