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स्वास्थ्य

दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक Eye Flu का कहर, बच्चों से लेकर बड़े तक परेशान, एक्सपर्ट ने बताया कैसे बचें?

दिल्ली में बारिश और बाढ़ का कहर है. इस बीच, आई फ्लू (Eye Flu) की दस्तक ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बीमार कर दिया है. छत्तीसगढ़ भी इस संक्रमण की बीमारी से अछूता नहीं है. वहां आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि होने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शुक्रवार को शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि आई फ्लू से संक्रमित बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए ताकि आगे इसके प्रसार को रोका जा सके.

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि राज्य में ‘आई फ्लू’ के 19,873 मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य में आई फ्लू से पीड़ित के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं. संक्रमण से पीड़ित लोग तीन से सात दिन में ठीक हो रहे हैं. बच्चों में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों की बढ़ती संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, स्कूल बंद नहीं किए जाएंगे क्योंकि इससे पढ़ाई प्रभावित होगी. संक्रमण वाले बच्चों को स्कूल ना आने के लिए कहा जा रहा है…

‘शिक्षा विभाग को बच्चों को लेकर आदेश’

सिंह देव ने कहा, लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संयुक्त निदेशकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को आई फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के संबंध में आदेश जारी किया है. जिन बच्चों को आई फ्लू है, उन्हें स्कूल ना आने के लिए कहा गया है. अधिकारियों से कहा गया है कि वे सरकारी और निजी स्कूलों को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें.

लोक शिक्षा संचालनालय ने एक पत्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेत्र परीक्षण और कंजंक्टिवाइटिस के इलाज की सुविधा मुफ्त उपलब्ध है.

एम्स दिल्ली में हर रोज 100 मामले आ रहे

दिल्ली के अस्पतालों में आंखों के संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हर रोज करीब 100 मामले सामने आ रहे हैं. एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल ने आंखों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को ‘महामारी’ करार दिया है. उन्होंने कहा, अगले कुछ दिनों में ऐसे मामलों की संख्या चरम पर पहुंच सकती है, उसके बाद संख्या में कमी आ सकती है.

‘इस साल ज्यादा आ रहे हैं मामले ‘

उन्होंने कहा कि आई फ्लू के मामलों को आमतौर पर मानसून के मौसम में देखा जाता है, जो फ्लू के मौसम के साथ मेल खाता है. लेकिन इस साल मामले बेहद ज्यादा दिख रहे हैं, जिसका कारण भारी और लगातार बारिश और बाढ़ हो सकता है. आई फ्लू आमतौर पर वायरस के कारण होता है जो अत्यधिक संक्रामक होते हैं और तेजी से फैलते हैं.

एक्सपर्ट ने क्या कहा है….
  • कंजंक्टिवाइटिस एक संक्रामक रोग है जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है. इसलिए मरीज को अपनी आंखों को ना छूने की सलाह दी जा रही है. · संक्रमित मरीज से हाथ मिलाने से परहेज करना चाहिए. उसके द्वारा – इस्तेमाल की गई चीजों को अलग रखना चाहिए. सावधानी बरते जाने से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. – यह बीमारी सिर्फ संक्रमित व्यक्ति की आंखों में देखने से नहीं फैलती है.
  • आखों का वायरल संक्रमण अपने आप सीमित हो जाता है. व्यक्ति एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकता है..
  • सेकेंडरी बैक्टीरियल इंफेक्शन शायद ही कभी हो सकता है. इसे ठीक होने में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल की सलाह दी गई है.
  • ओवर-द-काउंटर स्टेरॉयड का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि स्पेसिफिक इंडीकेशन के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा सलाह ना दी जाए.
  • मरीजों द्वारा दो प्रमुख लक्षण खुजली और घबराहट बताए जाते हैं. चिकनाई वाली बूंदें आंखों के लिए राहत देने वाली होती हैं. ठंडी सिकाई से भी आंखों की जलन और खुजली कम हो जाती है. – एक्टिव आई फ्लू वाले लोगों में काले चश्मे का उपयोग फोटोफोबिया को कम करने और आंखों को बार-बार छूने और संक्रमण फैलने से रोकने में मदद कर सकता है. · संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी को स्वच्छता बनाए रखने और बार-बार अपने हाथ और चेहरा भी धोने चाहिए.
  • यह बीमारी हवा या आंखों के संपर्क से नहीं फैलती है. हालांकि, सीधे तौर पर तौलिये, चादर आदि के माध्यम से फैल सकती है. – बीमारी के दौरान संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए पर्सनल -चीजों को शेयर नहीं करना चाहिए. – इस बार बड़ी संख्या में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. बच्चों में तेजी से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए स्कूल अधिकारियों को भी उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए.
  •  स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से बचा जा सकता है. यदि कॉन्टैक्ट लेंस उपयोगकर्ता संक्रमित हैं तो उन्हें दो से तीन सप्ताह तक कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने से बचना चाहिए.
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