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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी सहित कई अफसरों के खिलाफ अभियोग चलाने की दी मंजूरी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन जारी है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, कुलसचिव और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोग चलाने की स्वीकृति दे दी है. इन पर अनियमितता की धाराओं में अभियोग चलेगा.

बता दें केसी पांडेय, पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ व अन्य के खिलाफ कई अनियमितताओं के सम्बंध में सतर्कता अधिष्ठान, मेरठ द्वारा खुली जांच की गई. लेकिल बार-बार अनुरोध के बावजूद आरोपियों ने मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. इस सम्बंध में विशेष सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जांच के बाद 12 अक्टूबर 2018 को जांच आख्या उपलब्ध कराई गई.

इसमें कहा गया कि सतर्कता जांच से सम्बंधित अभिलेख/पत्रावलियां कुलसचिव कार्यालय में उपलब्ध होते हुए भी सतर्कता अधिष्ठान को उपलब्ध नहीं कराए गए. और न ही अधिष्ठान के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया. इससे सम्बंधित अधिकारियों एवं आरोपियों के बीच दुरभिसंधि परिलक्षित होती है. सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक मामले के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने व प्रकरण की पुन: सतर्कता जांच कराए जाने का अनुमोदन किया गया है.

इसके अलावा बीबी सिंह, कुलपति (पूर्व) नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, फैजाबाद और ओपी गौड़, वरिष्ठ लिपिक, नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120बी व धारा 13(1) सपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत अन्वेषण कराए जाने की संस्तुति की गई है.

वहीं डॉ. प्रमोद कुमार सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ, फसल सुरक्षा, कृषि विज्ञान केंद्र, बसुली महराजगंज और विनोद कुमार सिंह, वस्तु विशेषज्ञ (फसल सुरक्षा) कृषि विज्ञान केंद्र अम्बरपुर, जनपद सीतापुर के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के अंतर्गत अन्वेषण कराए जाने की संस्तुति की गई है.

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