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प्रेम और भक्ति के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति होकर ,हम जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं
प्रेम और भक्ति के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति होकर ,हम जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं
बुलंदशहर:- डीएम रोड नर्वदेश्वर धाम मंदिर में काष्णिॅ श्री बांके बिहारी मित्र मंडल बुलंदशहर के तत्वधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस दिवस के पावन प्रसंग में परम पूज्य काष्णिॅ सुमेधानंद जी महाराज ने महारास कथा का वर्णन किया| महाराज श्री ने बताया संपूर्ण भागवत भगवान का वांग्मय स्वरूप है, दशम स्कंध भगवान का ह्रदय है और गोपी गीत भगवान के पंचप्राण है |महारास कथा भगवान की काम विजय कथा है| जो संदेह रहित होकर महारास की कथा को श्रद्धा और भाव के साथ श्रवण करता है उसके मन के सभी विकार समाप्त होकर भगवान की भक्ति की प्राप्ति होती है| गोपी उद्धव संवाद के प्रसंग में पूज्य महाराज श्री ने प्रेम का वर्णन किया है हमारे जीवन में प्रेम का होना बहुत जरूरी है प्रेम और भक्ति के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति होकर हम जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं और हमारा जीवन सफल हो जाता है| कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए महाराज श्री ने सुंदर ढंग से श्री रुक्मणी मंगल विवाह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि रुक्मणी ने पति के रूप में भगवान श्री कृष्ण का स्मरण किया |रुक्मणी ने तन ,मन ,धन से भगवान की शरण ग्रहण की| रुक्मणी विवाह में सभी भक्त भावविभोर हो गए|
दिव्य भजनों के द्वारा सभी ने नृत्य करते हुए आनंद प्राप्त किया |रुकमणी विवाह की मंगल कथा को जो भी भक्त श्रवण करता है उसको भगवान की भक्ति प्राप्त होती है| आज के मुख्य यजमान अमित मित्तल व डिम्मी मित्तल रहे |संजय गोयल ने बताया कि शुक्रवार को परम पूज्य श्री सुमेधानंद जी महाराज के मुखारविंद से सुदामा चरित्र परीक्षित मोक्ष की कथा का वर्णन किया जाएगा,
कथा उपरांत पूर्णाहुति यज्ञ व रात्रि 8:00 बजे हवन होगा| उसके बाद प्रसाद वितरण होगा| महाराज श्री ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है किया की कथा उपरांत यज्ञ हवन में भी अपना पूर्ण योगदान करें| कहा कि हवन करने से मन और वातावरण में दोनों ही शुद्ध होते हैं|
आज श्रीमद् भागवत कथा में सीमा माहेश्वरी, वंदना शर्मा, नीना महेश्वरी, प्रियंका शर्मा ,भावना गुप्ता, पूनम शर्मा ,मीरा अग्रवाल, सुनील माहेश्वरी, अजय मित्तल, विवेक शर्मा ,संजय गोयल ,सुधीर बीबा, विशाल अग्रवाल ,आशु शर्मा आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे|