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महाकालेश्वर मंदिर सुरक्षा में चूक

महाकालेश्वर मंदिर सुरक्षा में चूक , गौमूत्र व गंगाजल आचमन हो अनिवार्य- दिव्य अग्रवाल

उज्जैन:-  बुधवार को मोहम्मद यूनुस मुल्ला अपना आधार कार्ड बदलकर अभिषेक दुबे के नाम पर अपनी महिला मित्र के साथ महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में सुबह 4 बजे की भस्म आरती करने क्यों जाता है यह बहूत बड़ा प्रश्न है । जिस महिला को हिन्दू बताया जा रहा है वो भी हिन्दू धर्म से है या नही यह जांच का विषय है।

परन्तु इससे बड़ा विषय यह है कि जब मुस्लिम धर्म मे अल्लाह के अतिरिक्त कुछ भी पूजनीय नही है तब एक मुस्लिम व्यक्ति को अपना नाम बदलकर मन्दिर में जाने की क्या आवश्यकता थी। इतिहास साक्षी है जब-जब मन्दिरो पर हमला किया गया तब – तब विधर्मीयो, आतातायीयो एवम आतंकवादीयो ने छल से ही हमला किया ।

लव जिहाद में हिन्दू महिला को फसाकर उस महिला का सहारा लेकर अपने मनसूबों को पूरा करना किसी भी विधर्मी के लिए कोई बड़ी बात नही है । यह विषय इसलिए भी गम्भीर है क्योंकि प्रभु श्री राम मंदिर के निर्माण पर बहूत सारे हिंदुस्तानी मौलवीयो व कुछ मुस्लिम नेताओ ने कई बार भारत के मन्दिरो को लेकर विवादस्पद बयान जारी किए हैं । जिस तरह मूकबधिर बच्चो व महिलाओं के मतांतरण के षड्यंत्र का खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही कर चुकी है। उस स्थिति में ये विषय ओर भी गम्भीर बन जाता है । जिस प्रकार सऊदी मक्का मदीना में कोई हिन्दू प्रवेश तक नही कर सकता उसी प्रकार भारत के सभी मंदिरों में गैरहिंदुओं का प्रवेश वर्जित होना चाहिए । मन्दिरो में प्रवेश करने से पहले कुछ ऐसे प्रबंध होने चाहिए जिससे छल पूर्वक भी यदि कोई ग़ैरहिन्दू मन्दिर में प्रवेश करना चाहे तो उस व्यक्ति को सनातन सभ्यता की परम्परा का पालन करना पड़े । आजकल तिलक लगाना , कलावा बांधना ये सब जिहादी मानसिकता के लोगो को बखूबी आता है अतः मन्दिर में प्रवेश करने से पूर्व गंगाजल , गौमूत्र का आचमन व छिड़काव होने के पश्चात ही किसी भी व्यक्ति को मन्दिर के अंदर प्रवेश मिलना चाहिए ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

 

भारत के सभी प्राचीन धार्मिक स्थलों पर आधारकार्ड मशीन द्वारा अंगूठे के निशान लेकर धार्मिक पहचान की प्रमाणिकता होने पर ही हिन्दू समाज के व्यक्ति को प्रवेश मिलना चाहिए ।यह देश सोमनाथ , अक्षरधाम , काशी आदि पवित्र स्थलों में हुए धमाकों व आतंकवादी हमलों को भूला नही है। सम्पूर्ण विश्व में प्रत्येक आतंकवादी घटना जिहादी मानसिकता से ही प्रेरित होती है।अतः अब समय है की न सिर्फ केन्द्र अपितु राज्य सरकारों को भी बहूत ही कठोरात्मक कार्यवाही कर कट्टरपंथियों की मानसिकता को कुचलकर पूर्ण विराम लगाना चाहिए ।

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