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बलिया

अति प्राचीन तेलिया पोखरा के चारों ओर हुए अतिक्रमण को हटाने में जिला प्रशासन विफल

चितबड़ागांव( बलिया):- उत्तर प्रदेश के योगी सरकार द्वारा कूआं, पोखरा के अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले के विरुद्ध वकायदे एक शिकायती पोर्टल बनाया गया है लेकिन जिले के उच्च अधिकारियों से अतिक्रमण के शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन लीपापोती में लगा हुआ है।

गौरतलब है कि चितबड़ागांव नगर के मुख्य बाजार स्थित अति प्राचीन लगभग 200 वर्ष पुराना ऐतिहासिक तेलिया पोखरे पर चारों ओर से हुए भारी अतिक्रमण को हटाने के लिए पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह के नेतृत्व में 2018 में “पोखरा बचाओ संघर्ष समिति” का गठन किया गया था जिसमें सैकड़ों सदस्यों ने सहभागिता निभाते हुए बृज कुमार सिंह के साथ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए।

पांचवे दिन तत्कालीन उप जिलाधिकारी ने आकर अतिक्रमण मुक्त कराने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया था लेकिन राजस्व विभाग द्वारा की गई पैमाइश और उप जिलाधिकारी सदर द्वारा दिया गया यह आश्वासन की तत्काल अतिक्रमण हटा दिया जाएगा कोरा ढकोसला सिद्ध होता नजर आ रहा है। क्योंकि ज़िले के उच्च अधिकारियों से अतिक्रमण की शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन लीपा पोती में लगा हुआ है।

चितबड़ागांव बाजार स्थित अति प्राचीन तेलिया पोखरे पर अतिक्रमणकारियों द्वारा दिन प्रतिदिन अतिक्रमण होता चला रहा है। पोखरे को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु कई बार धरना प्रदर्शन तथा आमरण अनशन तक किया जा चुका हैं। किन्तु प्रसाशनिक उदासीनता के चलते आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका जिससे अतिक्रमणकारियों का भी मनोबल बढ़ता चला जा रहा है।

नगरपंचायत चितबडागांव के सभासद अमित कुमार वर्मा, मंजू सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, सीताराम चौरसिया, सहित दर्जनो सभासदों व नगरपंचायत के वर्त्तमान चेयरमैन केशरी नन्दन त्रिपाठी ने सितंबर 2020 में नगरपंचायत तेलिया पोखरा का मुद्दा उठाया तथा उसके आस पास स्थित भीटा(चौहद्दी) पर दस्तावेजों की हेराफेरी कर तेलिया पोखरा पर हो रहे अतिक्रमण हटाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही तथा तत्कालीन सदर एसडीएम राजेश कुमार यादव से मिलकर शिकायती पत्र देकर तेलिया पोखरे को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग किया था।

जिसपर एसडीएम सदर राजेश कुमार यादव ने कार्रवाई के क्रम मे तत्कालीन तहसीलदार गुलाब चन्द्रा से तेलिया पोखरा की पैमाइश कराकर रिपोर्ट मांगी थी ।जिसपर तहसीलदार गुलाब चन्द्रा के आदेश पर पांच सदस्यों की एक टीम गठित होकर विगत दिनांक 14 सितंबर 2020 को कानूगोह रंजीत सिंह के नेतृत्व मे मौके पर फोर्स के साथ उपस्थित सैकड़ों लोगों के सामने तेलिया पोखरा के चारों तरफ नापी तथा पैमाइश किया था। नापी के दौरान अतिक्रमणकारियो तथा चेयरमैन व समर्थकों के बीच कई बार नोक झोक व तू -तू, मैं- मैं भी हुआ था ।जिसपर नाराज होकर वर्तमान चेयरमैन केशरी नन्दन त्रिपाठी अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे ।थानाध्यक्ष के बार बार कहने के बावजूद टस से मस नही हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम को सूचित किया गया। सूचना पर मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर राजेश कुमार यादव के काफी मशक्कत के बाद चेयरमैन केशरी नन्दन त्रिपाठी ने अपनी मांग दोहराते हुए नगर स्थित ऐतिहासिक तेलिया पोखरा को तत्काल अतिक्रमण मुक्त करने की मांग दोहराई थी और एसडीएम सदर ने मौके पर उपथित कानूगोह रंजीत सिंह से पैमाइश की रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार कर अपने कार्यालय में तलब करने को आदेशित किया और सैकड़ों नगरवासियों के समक्ष इस आशवासन के साथ धरना प्रदर्शन समाप्त कराया था कि रिपोर्ट मिलते ही अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर ऐतिहासिक पोखरे को अतिक्रमण मुक्त करा दिया जायेगा।किन्तु 18 माह का समय बीतने के बाद भी रिपोर्ट न आना पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बलिया गाजीपुर मार्ग से चितबडागांव मेन रोड से सटे पोखरे की जमीन दस्तावेजों मे हेराफेरी करके करोड़ों मे बिक्री की बात भी चर्चा का विषय बना हुआ है साथ ही साथ पोखरे के तीन तरफ बने गुमटियों एवं कमरों से हर माह किराया वसूली की भी बात सूत्रों से संज्ञान में आ रही है। उक्त प्रकरण में पोखरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि उक्त तेलिया पोखरे को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया तो हमारी समिति अनशन करने पर बाध्य होगी।

रिपोर्ट- संजय राय*

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