हमने कठिन परिस्थितियों में परीक्षाएँ कराई थी इन सभी अभ्यर्थियों का सपना था की परीक्षाफल आ जाए: उप मुख्यमंत्री
आज हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल घोषित होना महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि पूरे प्रदेश में 56,10,819 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 52,57,135 लोगों ने परीक्षा दी थी: उप मुख्यमंत्री
हमारी कॉपी चेकिंग भी 21 दिनों में पूर्ण हुई। लगभग 2,82,93,304 कॉपियों को 21 दिन में जांचना और जांचने के बाद उनका परीक्षाफल अत्यंत शीघ्रता से घोषित करना, यह महालक्ष्य हमारे माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा प्राप्त किया गया है: उप मुख्यमंत्री
श्री अवस्थी के सतत प्रयत्न से सरकार व गृह विभाग द्वारा यह बात अनुमन्य की गई: उप मुख्यमंत्री
कोरोना के संक्रमण काल में मैं ACS, गृह एवं सूचना, श्री AwasthiAwanishK जी को बधाई दे रहा हूं क्योंकि ACS, माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती आराधना शुक्ला जी ने उनसे आग्रह किया था कि कॉपी की चेकिंग पूरी सुरक्षा और सावधानी के साथ हो: उप मुख्यमंत्री
हमने 10 माह पहले ही घोषणा कर दी थी कि 18 फरवरी को परीक्षा प्रारंभ व 6 मार्च को समाप्त करेंगे। इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 दिनों में तथा हाई स्कूल की परीक्षा 12 दिनों में हमने सम्पादित की। यह लक्ष्य माध्यमिक शिक्षा परिषद के इतिहास में पहला अवसर है: उप मुख्यमंत्री
मैं बधाई दूंगा हमारे बच्चों को कि हमारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों का रिजल्ट पिछली बार की अपेक्षा अच्छा रहा है। हमारे इस परीक्षाफल को लाने में हमने बड़ा मैराथन प्रयत्न किया है: उप मुख्यमंत्री
हर परीक्षा केंद्र पर हमारा मॉनिटरिंग सेंटर था, इसके बाद शहर का एक मॉनिटरिंग सेंटर होता था। सभी शहरों को जोड़ते हुए लखनऊ में एक सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सेंटर था, जिससे लाइव मॉनिटरिंग करने में हम सफल रहे: उप मुख्यमंत्री
हमने प्रश्न पत्रों के मॉडल अपलोड करने के साथ ही टोल-फ्री हेल्पलाइन की सुविधा भी दी। नकलविहीन परीक्षा हो सके इसके लिए वृहद इंतजाम किए गए थे। 95,000 परीक्षा कक्षों में परीक्षा हुई जहां 94 लाख CCTV कैमरे राउटर व हाई स्पीड इंटरनेट के साथ लगाए थे: उप मुख्यमंत्री
कॉपियों में नकल न हो सके इसके लिए पहली बार चार रंगों की उत्तर पुस्तिकाओं में कोडिंग करके उन्हें परीक्षा में रखा गया। परीक्षा में लगने वाली ड्यूटी को भी एक ऐप्लिकेशन मॉड्यूल द्वारा लगाया गया: उप मुख्यमंत्री
इस बार हमने टेक्नोलोजी का पूरा उपयोग किया, साथ ही एक कॉल सेंटर भी संचालित किया। इसके अतिरिक्त दो हेल्पलाइन नंबर, समर्पित ईमेल आईडी तथा एक ट्विटर हैंडल भी जारी किया गया: उप मुख्यमंत्री,
इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी कम्पार्टमेंट का प्राविधान किया गया है। कोई यदि एक विषय में फेल होता है तो हम उनको परीक्षा का अवसर देंगे। परिस्थितियाँ सामान्य होने पर हम परीक्षाएं कराने में सफल होंगे: उप मुख्यमंत्री,
यह इस बात का प्रमाण होगा कि डिजिटल अंकपत्र प्रवेश के लिए इलिजिबल होगा। हम 15 जुलाई से हाई स्कूल की और 30 जुलाई के आस-पास इंटरमीडिएट की अंकतालिकाएं उपलब्ध करा देंगे: उप मुख्यमंत्री
पहली बार डिजिटल माध्यम से अंक प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की गई है। कोरोना संक्रमण काल में कठिनाई के कारण तत्काल मार्कशीट मिलने में विलंब हो रहा था इसलिए डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से अंकपत्र की उपलब्धता रखी है जो 03 दिन में प्राप्त होगा: उप मुख्यमंत्री,
इसके साथ ही हमने स्व-अधिगम द्वारा मुद्रित सामग्री तथा विद्यार्थियों की शैक्षिक जिज्ञासाओं के समाधान हेतु एक टोल-फ्री हेल्पलाइन की व्यवस्था कराई थी: उप मुख्यमंत्री
हमने अपनी वेबसाइट पर ही पाठ्य पुस्तकों, दीक्षा पोर्टल पर विषयवार शैक्षिक वीडियो तथा उ.प्र. माध्यमिक परिषद द्वारा व्याख्यानों की व्यवस्था कराई थी: उप मुख्यमंत्री,
01 अप्रैल से हमारे नए सत्र प्रारंभ होते हैं। बच्चों की पढ़ाई की दिक्कत न हो, इसके लिए हमने ऑनलाइन टीचिंग तथा व्हाट्सएप वर्चुअल क्लासेज के माध्यम से शिक्षण हेतु 2,97,000 व्हाट्सएप ग्रुप गठित किए और 67,00,000 विद्यार्थी इससे लाभान्वित हुए: उप मुख्यमंत्री,
हम यह कह सकते हैं कि यह हमारी परीक्षा की वह नीतियां हैं जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद की व्यवस्थाओं को बदला है: उप मुख्यमंत्री
हर वर्ष परीक्षा केंद्र बढ़ने चाहिए थे लेकिन हमने एक पारदर्शी व्यवस्था चुनी। इससे 2017 की अपेक्षा 3,631 परीक्षा केंद्र कम हुए हैं: उप मुख्यमंत्री,
मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता है कि हमने हर तरफ शुचिता रखी और इस शुचिता के माध्यम से हमने 7,783 परीक्षा केंद्र रखे: उप मुख्यमंत्री