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उत्तर प्रदेशराष्ट्रीय

अयोध्या में ऐसा है सुरक्षा घेरा

सरयू नदी में मोटर बोट से निगरानी, हवा में तैनात ड्रोन और सड़कों पर चप्पे-चप्पे पर जवान...

अयोध्या के सुरक्षा प्लान में स्थानीय लोगों की सहभागिता का अहम रोल होगा. व्यावसायिक प्रतिष्ठान हों या आम लोगों के घर जिनके भी घरों या प्रतिष्ठानों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं उन सभी को पुलिस के कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है. यह कैमरे पुलिस के उन 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क के अलावा होंगे जो अलग-अलग स्थानों पर अदृश्य आंख की तरह सड़कों और गलियों की निगरानी कर रहे होंगे.

इसी के साथ अयोध्या पुलिस फिजिकल इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है और बड़ी संख्या में ऐसे लोगों से संपर्क कर उनको अपने साथ जोड़ा गया है जो ई रिक्शा, टैक्सी, होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस कर्मचारी हैं. ऐसे लोगों को यह निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या फिर संदिग्ध लोग दिखाई दें तो तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचना दें. यही नहीं अगर बिना परिचय पत्र के कोई भी किसी होटल धर्मशाला या लॉज या फिर मंदिर में रुकता है तो वहां के कर्मचारी सीधे पुलिस को सूचना दें. सूचना देने वाले ऐसे सभी लोगों के नाम गुप्त रखे जाएंगे.

बुधवार को अयोध्या में समीक्षा के दौरान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जो भी बाहरी लोग अयोध्या में रह रहे हैं उनका वेरिफिकेशन कराया जाए और उनके आधार कार्ड चेक ही नहीं किया जाए बल्कि उनका सत्यापन भी कराया जाए. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान एसपीजी की निगरानी में होगी.

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले से ही अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी निगरानी एसपीजी के हाथों में चली जाएगी. 16 जनवरी से ही अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी समीक्षा एसपीजी करेगी और जो भी खामियां दिखाई देगी. उसको लेकर वह अयोध्या पुलिस को निर्देशित भी करेगी. इसी के साथ स्पेशल कमांडो के साथ सीआरपीएफ और एनर्जी की अतिरिक्त कंपनियां भी सुरक्षा में तैनात होंगी तो यूपी एटीएस और रैपिड एक्शन फोर्स भी सक्रिय भूमिका में रहेगी.

यूपी एटीएस की टीम अभी से अयोध्या पहुंच चुकी है और अयोध्या पुलिस लाइन में इसका कमांड सेंटर भी बना दिया गया है. अयोध्या रेंज की आईजी प्रवीण कुमार ने आज तक को बताया कि लगभग 11,000 अतिरिक्त सुरक्षा बल अयोध्या में तैनात किए जाएंगे. इस सुरक्षा व्यवस्था में अर्धसैनिक बल भी होंगे और अयोध्या आने वाले मार्ग और हाईवे पर भी कड़ी निगरानी होगी. 22 जनवरी के पहले ही अयोध्या में रह रहे बाहरी व्यक्तियों के आधार कार्ड और उनकी पहचान से जुड़े प्रपत्र चेक किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर उनका वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा.

इसलिए हो रहे हैं सुरक्षा के इतने बड़े इंतजाम 

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समेत देश के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों का जमावड़ा हो रहा है. इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सुरक्षा के इंतजाम ही नहीं किया जा रहे हैं बल्कि रिहर्सल कर इन व्यवस्थाओं को परखा भी जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से हो जाएगी. इसलिए इसी तारीख से सुरक्षा व्यवस्था को न सिर्फ चाक-चौबंद कर दिया जाएगा बल्कि तैयार हुए सुरक्षा प्लान का बाकायदा रिहर्सल भी किया जाएगा. इसके पीछे वजह साफ है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लगभग ढाई हजार लोग होंगे जो देश के नामी गिरामी चेहरे हैं.

सरयू नदी में बढ़ाई जाएगी निगरानी

इनके अलावा देशभर के करीब पांच हजार साधु-संत, धर्माचार्य भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहने वाले हैं. इसीलिए सरयू नदी की तरफ से भी सुरक्षा ढांचा मजबूत किया गया है, जो भी वोट सरयू में चल रही हैं उनका चिन्हीकरण किया गया है. उनको चलाने वाले नाविकों का वेरिफिकेशन किया गया है. जल पुलिस की संख्या बढ़ाई गई है और सरयू में निगरानी करने के लिए जल पुलिस को अतिरिक्त हाई स्पीड वोट मुहैया कराई गई है. अयोध्या में उड़ने वाले संदिग्ध ड्रोन को नष्ट करने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं. इस तरह सुरक्षा की मजबूत व्यूह रचना तैयार कर दी गई है और इसको लेकर लगातार समीक्षा भी की जा रही है जहां भी कोई कमी दिखाई देगी उसको चुस्त और दुरुस्त किया जाएगा.

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