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ग्रेटर नोएडा

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ओरिगामी कार्यशाला का शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वास्तुकला और क्षेत्रीय नियोजन विभाग द्वारा 4 और 5 अप्रैल, 2024 को एक गतिशील दो-दिन की ओरिगामी कार्यशाला का आयोजन प्रारम्भ किया गया, जो कि ओरिगामी और वास्तुकला के जटिल संबंधों को प्रस्थापित करेगा। इस कार्यक्रम में सृजनात्मकता और संरचनात्मक डिज़ाइन का एक मिश्रण प्रस्तुत किया जाएगा।

कार्यशाला के प्रमुख विशेषज्ञ आर्किटेक्ट बॉबी विजयक्कर, कागज की ढलाई और वास्तुकला क्षेत्र के विशेषज्ञ है। दोनों क्षेत्रों में वर्षों के अनुभव और उत्साह के साथ, विजयक्कर का नेतृत्व भागीदारों के संचित रचनात्मक संभावनाओं को खोलने के लिए होगा, और ओरिगामी और वास्तुकला के बीच संबंध को जांचेगा।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा, और डॉ. विश्वास त्रिपाठी, रजिस्ट्रार, डॉ. कीर्ति पाल, इंजीनियरिंग स्कूल की डीन ने कार्यक्रम का उदघाटन किया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की अंतरविषयीय शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। कार्यशाला के संचालक डॉ. निर्मिता मेहरोत्रा और आनंत प्रताप सिंह द्वारा प्रतिभागियों के लिए एक सहज शिक्षा अनुभव का प्रारूप सुनिश्चित किया।

IIA, यूपी अध्याय के सहयोग में अयोजित कार्यशाला में सत्तर से अधिक स्टूडेण्ट ने प्रशिक्षण लिया। कार्यशाला विश्वविद्यालय और उद्योग के बीच एक संवादात्मक प्रयास, एवम् प्रतिभागियों को वास्तुकला में ओरिगामी के वास्तविक आवेदन की अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। आर्किटेक्ट आलोक वर्मा, शारुख़ ख़ान, गरिमा रानी, राधिका चौहान, आर्क. शहनवाज़ राजेश कुमार, अरुण उपाध्याय, डॉ हरीश ठाकुर, डॉ मंगल, डॉ सतपाल शर्मा, डॉ ओम वीर सिंह उपसतिथ रहे।

जापानी आर्ट ओरिगामी एवम् किरीगामी कार्यशाला वास्तुकारों के साथ डिज़ाइन डेवलपमेंट के वैज्ञानिक वैकल्पिक प्रारूप बनाने की प्रेरणा देगी। प्रतिभागियों को केवल तकनीकी कौशल ही नहीं प्राप्त होगा, बल्कि वे उद्योग के वास्तुकारो के साथ महत्वपूर्ण संबंध भी बनाएंगे, जो भविष्य के सहयोग की नींव रखेगा,

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