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दनकौर

कलियुग में भगवान के पास जाने का मार्ग है भजन-कीर्तन – गीत गोविंद दवीदासी माता 

बिलासपुर: अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन के माध्यम से शनिवार को बिलासपुर गुर्जर कालोनी स्थित ममता नागर के आवास में एक दिवसीय भजन-कीर्तन कार्यक्रम हुआ। इस दौरान इस्कॉन मंदिर दिल्ली से चलकर आईं गीत गोविंद देवीदासी माता के नेतृत्व में नंदरानी, श्याम करुणा, स्वर्णा विजेश्वरी, शुनमयी आदि देवी दासियों द्वारा हरि कीर्तन भजन गाजे-बाजे संग गाया गया l

कार्यक्रम में प्रवचन से करते हुए गीत गोविंद देवीदासी माता ने कहा कि हम यहां क्यों आए हैं। इस प्रश्न का समाधान ही जीवन की सार्थकता हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण गीता के 8वें अध्याय में बतलाते हैं हम इस ब्रह्मांड मे स्वर्ग लोक, ब्रम्हलोक कहीं भी चले जाय, तो हमें पुन: दुख झेलने इस जगत में आना पड़ेगा। जो जीव मेरे पास आ जाता है उसे इस मृत्यु लोक में दुबारा जन्म नहीं लेना पड़ेगा l इस तरह मनुष्य का लक्ष्य पूरा होता हैं। हम भगवान् के पास जा सकते हैं। ये शास्त्र विधि हैं। भगवान् के पास जाने हेतु अलग-अलग युग में अलग-अलग मार्ग बताये गए है। सतयुग में ध्यान द्वारा, त्रेता में यज्ञ द्वारा, द्वापर में पूजा द्वारा और कलयुग मे कीर्तन द्वारा लोग सरलता से कृष्ण के पास वापस जा सकते हैं। इसी उद्देश्य से कृष्ण भजन-कीर्तन कार्यक्रम जगह-जगह आयोजित किया जा रहा है। यही भगवान के पास जाने का मार्ग है।

इस मौके पर कल्पना, ममता नागर, शीतल, संतोष, अनिता, राकेश, ममता शर्मा, रिया, सिमरन, संगीता, अजनेश, राजेश, मोनिका, रेनू, सिखा, संगम, सविता, कमलेश, मंजू, अजय, अनुज, मनोज, जयवीर, रिता, विजेंद्री, सिम्मी, सौर्य, योगिता, पीयूष, मोना, वर्षा, रिया पटेल, बबली, कैलाशी आदि श्रद्वालु मौजूद रहे।

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