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लोक सभा- 2024

लोकसभा चुनाव 2024 का दूसरा चरण: अधिक से अधिक हिन्दू मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने की भाजपा की चुनौती

राजेश बैरागी( वरिष्ठ पत्रकार)

दूसरे चरण के मतदान में मतदाताओं का कैसा रुख रहने वाला है? क्या इस बार मतदान में वृद्धि और मतदाताओं में पहले चरण के मुकाबले अधिक उत्साह देखने को मिल सकता है?

पहले चरण के मतदान के बाद ऊपर से सहज दिखाई दे रही भाजपा लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर स्थानीय कार्यकर्ता तक सबकुछ सामान्य और अपने पक्ष में होने का चाहे जितना दावा करें परंतु उनकी अटकती जबान और माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।इसकी वजह पहले चरण में अपेक्षा से कम हुआ मतदान ही नहीं है बल्कि हिन्दू मतदाताओं में देखा गया कम उत्साह भी है। आगामी 26 अप्रैल को मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मथुरा समेत उत्तर प्रदेश की आठ सीटों और 12 राज्यों की कुल 88 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण में 27 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान हुआ था जिनमें से 8 सीटें उत्तर प्रदेश की थीं। उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ उनमें से अधिकांश पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।उन सभी सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं को बढ़ चढ़कर मतदान करते हुए देखा गया था जबकि हिन्दू मतदाताओं में वैसा उत्साह नहीं था। माना जा रहा है कि पहले चरण के मतदान में हिन्दू मतदाताओं की उदासीनता से भाजपा की चिंता बढ़ गई है। अबकी बार चार सौ पार का नारा देने वाली भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भी जीतने का दावा कर रही है। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावशाली मानी जाने वाली रालोद को गठबंधन में शामिल करने के बावजूद पहले चरण में कम मतदान ने अन्य दलों के मुकाबले भाजपा को सोचने पर बाध्य कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया है। अगले सभी चरणों के मतदान के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की तैयारी की जा रही है। यह रणनीति बनाई जा रही है कि हिन्दू मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान केंद्र तक लाया जाए। इसके लिए पन्ना प्रमुखों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। पार्टी की एक रणनीति यह भी है कि मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की विशेष निगरानी की जाए। केवल वास्तविक मतदाता को ही वोट डालने दिया जाए। पहनावे और दाढ़ी मूंछ के आधार पर बिना पहचान उजागर हुए किसी को भी मतदान न करने दिया जाए। हालांकि मतदान केंद्रों पर किसी प्रकार का अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न न करने की भी रणनीति है। बताया गया है कि आर एस एस की सांगठनिक इकाईयों को भी विशेष रूप से सक्रिय किया गया है,

जागरुक मतदाता बनें-मतदान अवश्य करें

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