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रेप या हनी ट्रैप : सांसद पर आरोप लगाने वाली लड़की ने क्योंकि आत्मदाह की कोशिश , जाने इनसाइड स्टोरी

रेप या हनी ट्रैप : सांसद पर आरोप लगाने वाली लड़की ने क्योंकि आत्मदाह की कोशिश , जाने इनसाइड स्टोरी

उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की और मामले के चश्मदीद गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसमें वो दोनों बुरी तरह से झुलस गए. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात आरएसी के जवानों ने दोनों की आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जहां दोनों का उपचार किया जा रहा है. ये वही लड़की है, जिसे यूपी की एक कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. इस घटना की वजह से ये मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. आखिर क्या है ये पूरा मामला, आइए आपको बताते हैं.

घोसी से बसपा के सांसद हैं अतुल राय. जब 2019 में लोकसभा के चुनाव हो रहे थे, उसी वक्त एक लड़की ने अतुल राय पर रेप का संगीन इल्जाम लगाया था. क्योंकि चुनाव का माहौल था, और सिसायी पारा भी गर्म था. लिहाजा ये आरोप अतुल राय के लिए परेशानी का सबब बन गया और उन्हें जेल जाना पड़ा. लेकिन इसी दौरान वो लोकसभा चुनाव जीत गए और सांसद बन गए. हालांकि अतुल राय को जमानत नहीं मिली और वे अभी तक नैनी जेल में बंद हैं.

जब इस बारे में सांसद अतुल राय के प्रतिनिधि गोपाल राय से आज तक ने बात की. तो उन्होंने दावा करते हुए बताया कि अतुल राय को फंसाने के लिए मुख्तार अंसारी ने सोनभद्र जेल में बंद अंगद राय और सत्यम के साथ मिलकर एक साजिश रची और अतुल राय के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कराया. गोपाल ने वह ऑडियो क्लिप भी उपलब्ध कराई, जिसमें कथित रूप से अंगद राय और सत्यम अतुल राय को फंसाने की बात कर रहे हैं. एक क्लिप में अंगद राय को पीड़िता और उसकी मां से भी बात करते सुना जा सकता है.

सांसद प्रतिनिधि गोपाल राय ने दावा किया कि जांच अधिकारी ने इस मामले को फर्जी पाया है और अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. लेकिन इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है. इस संबंध में मुख्य सचिव को भी एक पत्र भेजा गया है.

जानकार बताते हैं कि अतुल राय अब मुख्तार अंसारी के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं. अतुल का राजनैतिक कद बेहद मजबूत हो चुका है. साथ ही उन्हें मायावती का संरक्षण भी हासिल है. ये बात भी जग जाहिर है कि अगर मायावती को लगता कि अतुल राय पर लगे आरोप सही हैं, तो वो कभी का उन्हें बाहर का रास्ता दिखा चुकी होतीं. मगर ऐसा नहीं हुआ.

रेप के आरोप को लेकर सांसद अतुल राय पहले से ही कहते आ रहे थे कि ये सब उनके खिलाफ साजिश है. अतुल राय के भाई गाजीपुर निवासी पवन कुमार सिंह ने सीजीएम स्पेशल कोर्ट में आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ यह शिकायत की थी कि वो और उसका साथी सत्यम प्रकाश राय गैंग बनाकर हनी ट्रैप और जालसाजी करते हैं. ये राजनीतिक लोगों को अपने जाल में फंसाकर पैसे की वसूली करते हैं.

पवन कुमार सिंह ने ये आरोप भी लगाया था कि जहां सामने वाला पैसे देने को तैयार हो जाता है, वहां ये कूट रचित अभिलेखों के जरिए समझौता कर लेते हैं. अन्यथा की स्थिति में उसके विपक्षी से पैसे लेकर झूठा मुकदमा दर्ज कराते हैं. बता दें कि अतुल राय साल 2019 से ही इसी रेप के मामले में नैनी जेल में बंद हैं.

इसी मामले को लेकर अतुल राय के भाई पवन कुमार सिंह लगातार जांच की मांग करते रहे. देर तो लगी लेकिन इस मामले में जांच की गई. जिसमें मामला सच से दूर नजर आया. नतीजा ये हुआ कि पवन कुमार सिंह की याचिका पर आखिरकार वाराणसी की सीजीएम स्पेशल कोर्ट ने वाराणसी कैंट थाने के प्रभारी निरीक्षक को अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की और उसके पुरुष मित्र के खिलाफ मामला दर्ज करने आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट के आदेश पर युवती और सत्यम के खिलाफ मुकदमा

ये खबर अतुल राय के लिए बड़ी राहत लेकर आई. कोर्ट के आदेश पर वाराणसी पुलिस ने सांसद अतुल राय और उनके भाई पवन कुमार सिंह की तहरीर पर जालसाजी और हनी ट्रैप के आरोप में लड़की और उसके साथी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए गए. पुलिस की ओर से आरोपियों के संभावित ठिकानों पर बार-बार दबिश दी गई. कई ठिकानों पर छापेमारी की गई. लेकिन लड़की और उसका साथी फरार हो गए.

दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी न हो पाने पर आईओ ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. जिस पर सीजीएम स्पेशल कोर्ट ने अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की के साथ ही उसके साथी सत्यम प्रकाश राय को भगोड़ा घोषित कर दिया. सीजीएम स्पेशल कोर्ट ने दोनों को भगोड़ा घोषित करने के साथ ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश भी दिया. यूपी पुलिस उस लड़की और उसके साथी की तलाश में जुटी थी.

तभी सांसद अतुल राय पर संगीन आरोप लगाकर जेल पहुंचाने वाली युवती अपने साथी सत्यम के साथ अचानक दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर पहुंची. पहले वहां से उन दोनों ने एक फेसबुक लाइव किया. जिसमें बताया कि यूपी में सांसद अतुल राय के मामले में कुछ अधिकारी और अन्य लोग उसे चरित्रहीन करार दे रहे हैं. रेप पीड़िता होते हुए भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पुलिस उनके पीछे पड़ी है. इसलिए वे आत्मदाह करने जा रहे हैं. उन दोनों ने घोसी और यूपी पुलिस के आला अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए.

इसके बाद वे दोनों सुप्रीम कोर्ट के सामने अलग-अलग होकर कुछ दूरी पर खड़े हो गए. दोनों के हाथ में पेट्रोल की बोतलें थीं. दोनों के पास लाइटर भी थे. फिर दोनों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात आरएसी के जवानों ने दौड़कर दोनों की आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जहां दोनों का उपचार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वे दोनों 30 से 40 फीसदी तक झुलस गए हैं.

वाराणसी पुलिस की जांच में खुलासा

दरअसल, इस मामले में कथित पीड़िता और उसके साथी सत्यम के खिलाफ 173/8 सीआरपीसी के तहत नए तथ्य सामने आए. जिसके मुताबिक युवती और उसके साथी ने जेल में बंद कुख्यात सजायाफ्ता अपराधी अंगद राय से मिलकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक साजिश रची थी. ये साजिश बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के कहने पर रची गई थी. क्योंकि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी घोसी से बसपा के लोकसभा प्रभारी थे. लेकिन चुनाव से कुछ दिनों पहले अब्बास हटाकर उनकी जगह अतुल राय को टिकट दिया गया था. इसलिए मुख्तार के कहने पर उसके शूटर अंगद राय ने सत्यम से मिलकर ये षड्यंत्र रचा. एसएसपी अमित पाठक ने सीओ भेलूपुर और एसपी सिटी वाराणसी से इस मामले की जांच कराई थी. दोनों अधिकारियों ने जांच में इस मामले को गंभीर साज़िश माना और 173/8 सीआरपीसी के तहत संस्तुति की.

लड़की ने पहले दर्ज कराया था ऐसा ही मामला

बताया गया कि पूर्व में कथित पीड़िता वर्ष 2015 में यूपी कॉलेज वाराणसी से छात्र संघ का चुनाव लड़ रही थी. आरोप है कि तब भी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमृत सिंह सबल पर उसने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही उसे पॉक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी दी थी. तब कथित पीड़िता और उसके साथी सत्यम प्रकाश राय पर धन ऐंठने का आरोप लगा था. उन दोनों ने न्यायालय में पीड़िता की उम्र कम दिखाकर समझौता कर लिया था.

उपरोक्त मामले में युवती और उसके साथी के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर वाराणसी के कैंट थाने में जालसाजी और हनी ट्रैप का मुकदमा दर्ज हुआ है. इसी के तहत 2 अगस्त 2021 को कोर्ट ने युवती को भगोड़ा घोषित करते हुए एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया था. युवती ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर केस ट्रांसफर करने की अपील और संबंधित अधिकारियों की शिकायत की थी. लेकिन वो रिट सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी.

मुख्तार से बताया था जान का खतरा

और यही वजह थी कि बसपा सांसद ने बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था. जिसके चलते मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के बजाय बांदा भेजा गया था. यह खुलासा प्रयागराज के एसपी इंटेलिजेंस की एक गोपनीय रिपोर्ट से हुआ था. उस रिपोर्ट की कॉपी आजतक के हाथ लगी थी. इसी साल मार्च में बसपा सांसद अतुल राय ने सीएम योगी और एमपी/एमएलए कोर्ट को पत्र लिखकर बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था. सांसद ने मुख्तार अंसारी पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. सांसद अतुल राय ने पत्र में सीएम और कोर्ट से अपील करते हुए कहा था कि मुख्तार अंसारी को नैनी जेल में शिफ्ट ना किया जाए क्योंकि वो उनके लिए खतरा बन सकते हैं.

अब इस पूरे मामले में नया मोड आ गया है. एक तरफ मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद अतुल राय को राहत मिलती नजर आ रही है. वहीं युवती और उसके साथी हालत गंभीर बनी हुई है. देखना है कि दोनों के स्वस्थ हो जाने के बाद कानून दोनों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा. और सांसद अतुल राय जेल से बाहर कब आएंगे.

 

 

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