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लव जिहाद के बाद अब मार्क्स जिहाद

नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ी मल कॉलेज में एक शिक्षक के केरल बोर्ड को लेकर की गई फेसबुक पोस्ट के बाद ‘मार्क्स जिहाद’ का मुद्दा गरमा गया है. इधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) संघ से संबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (NDTF) ने पूर्व अध्यक्ष की तरफ से दिए गए बयान से खुद को अलग कर लिया है. शुक्रवार को कॉलेज कैंपस में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने जमकर प्रदर्शन किया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कॉलेज में फिजिक्स के टीचर राकेश पांडे ने पोस्ट किया था, ‘एक कॉलेज को 20 सीटों वाले कोर्स में 26 छात्रों को दाखिला देना पड़ा, क्यों कि सभी को केरल बोर्ड से 100 फीसदी अंक मिले थे. बीते कुछ सालों से केरल बोर्ड मार्क्स जिहाद कर रहा है.’ NDTF की तरफ से बयान जारी किया गया, ‘किसी स्टेट सेकेंडरी बोर्ड को लेकर किसी व्यक्ति की तरफ से दिए गए बयान से NDTF का कोई वास्ता नहीं है. NDTF खुद को स्पष्ट तौर पर किसी भी आपत्तिजनक बयान से अलग करता है.’

शुक्रवार को NSUI, AISA, SFI ने पांडे के बयान की निंदा की और कैंपस में प्रदर्शन किया. वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अगुवाई वाली डीयू स्टूडेंट्स यूनियन ने डीयू प्रशासन का पुतला फूंका. यूनियन का कहना था कि वे बोर्ड की तरफ से बढ़ाई हुई मार्किंग दाखिले में असमानता तैयार कर रही है.

प्रदर्शन के दौरान SFI DU के संयोजक अखिल के एम ने कहा, ‘इस मामले को अलग से नहीं देखा जाना चाहिए था. 1990 और 2000 के समय में बिहार और हरियाणा से डीयू आए छात्र भी जीनोफोब्स का शिकार बने थे. डीयू एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है और इसे खुली बाहों से देशभर के छात्रों का स्वागत करना चाहिए.’ वहीं, AISA DU के सचिव रित्विक राज ने कहा कि जो व्यक्ति छात्रों से मिलने से पहले ही ‘जहर’ उगल रहा है, उसपर क्लास को लेकर भरोसा कैसे किया जा सकता है. NSUI ने पांडे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

ABVP ने मांग की है कि डीयू प्रशासन ‘छात्रों के बीच असमानता पैदा कर रही बड़ी हुई मार्किंग के कारण कट ऑफ हुई अनुचित वृद्धि पर कार्रवाई करें.’ इसके अलावा संगठन ने मामला सुलझने तक दाखिले की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है. पहली कट ऑफ सूची के तहत डीयू में कुल 60 हजार 904 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 35 हजार 805 आवेदनों की भुगतान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.

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