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राष्ट्रीय

कश्मीरी हिन्दुओ के स्थान पर आर्यन खान में ज्यादा व्यस्त है देश -दिव्य अग्रवाल

कश्मीरी हिन्दुओ के स्थान पर आर्यन खान में ज्यादा व्यस्त है देश -दिव्य अग्रवाल

आज का युवा जो सोशल साइड्स पर क्रियाशील रहता है क्या उस युवा पीढ़ी को सैकड़ो हजारों परिवारों की दुर्दशा , पलायन , हत्याएं के स्थान पर शारुख खान के बेटे आर्यन खान में ज्यादा रूचि है । आज जब श्रीनगर जम्मू हाइवे पूरा जैम पैक है क्योंकि कश्मीरी हिन्दुओ को कश्मीर से निकालकर जम्मू सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है तब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व भारतीयों को आर्यन खान के भविष्य की चिंता ज्यादा परेशान कर रही है । क्या आम हिन्दू नागरिक होना इतना बड़ा पाप है कि जब पहले कश्मीरी पंडितों को अपनी जगहों को छोड़कर भागना पड़ा तब भी देश तमाशा देख रहा था एवम आज जब कश्मीर में धर्म पूछकर लोगो को मारा जा रहा है तब भी देश चुप है । क्या इतने वर्षों बाद भी देश के जिम्मेदार लोग इतनी हिम्मत एकत्रित नही कर पाए कि वो ये कह सके ये हत्याएं , ये बर्बरता कोई आतंकवाद नही अपितु रैडिकल इस्लामिक जिहाद है ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

मानवाधिकार आयोग , महिला आयोग , न्यायालय , सामाजिक संस्थाए रैडिकल इस्लामिक जिहाद का विरोध या खुलेमन से चर्चा क्यों नही करते । कब तक हिन्दू या गैर इस्लामिक लोग इस बर्बरता से डराकर भगाए जाते रहेंगे । कब तक गैर इस्लामिक लोग अपने क्षेत्रों से पलायन करते रहेंगे । कब तक परिवारो की बली इस अमानवीय सोच के कारण होती रहेगी । भारतीयों को सोचना होगा कि मानवता की सुरक्षा प्राथमिकता है या एक सेलेब्रिटी या उसके बेटे की प्राथमिकता ज्यादा है । मानवता , सहष्णुता , अभिव्यक्ति की आजादी , लोकतंत्र की चिंता क्या इन सब बातों का तब कोई मूल्य नही होता जब धर्म के आधार पर गैर इस्लामिको की हत्याएं की जाती है । देश को , मानवता को , विश्व को सबको सोचना होगा ।

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