एक रूपया व एक ईट
एक रूपया व एक ईट:- अग्र -वैश्य समाज की गौरव गाथा , भाग 6
वैश्य समाज के व्यक्ति उत्कृष्ट देश भक्ति से परिपूर्ण होते है। इसके लिए यहाँ पर मैं कुछ उदाहरण देना चाहूँगा जिससे यह स्वतः ही स्पष्ट हो जायेगा कि वैश्य जाति के लोगों में कितनी देश भक्ति है।
सेठ जमना लाल बजाज ,उन्होंने भी देश को आजाद कराने के लिए ब्लैक चैक बुक महात्मा गाँधी के चरणों में रख दी थी। देश की आजादी में सेठ जमना लाल बजाज के महान योगदान को कोई नहीं भुला सकता।
सेठ बालचन्द्र , एक टनल की खुदाई के ठेके को सेठ बालचन्द्र ने एक करोड़ में लिया था। उसी को एक विदेशी कम्पनी कई करोड़ में लेना चाहती थी। जब विदेशी कम्पनी को ठेका नहीं मिला, तब उसने कहा कि क्या आपके पास टनल की खुदाई कराने हेतु इंजीनियर है? सेठ बालचन्द्र ने कहा कि नहीं है। मैं इस कार्य हेतु विदेश से विशेषज्ञ इंजीनियर बुलाऊँगा। लेकिन देश का करोड़ों रूपया विदेश नहीं जाने दूँगा। यदि आपको यह ठेका मिल जाता, तो आप इस ठेके से करोड़ों रूपये कमाकर विदेश ले जाते। मैं अपने देश के धन को इस तरह बरबाद नहीं होने दूँगा। विदेशी व्यक्ति सेठ बालचन्द्र की देशभक्ति पर आश्चर्य चकित हो गया।
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