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UP में भी गजब हो रहा, जीवित महिला को कोरोना से मारा, मुआवजा देने को कर रहे फोन
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की बेहद ही चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. यहां कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में जीवित महिला का ही नाम अंकित कर दिया गया और शासन द्वारा दिए जा रहे ₹50000 के मुआवजे वाली पोर्टल पर महिला का नाम चढ़ा दिया. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब जिले के कोरोना कंट्रोल रूम से मुआवजा देने के लिए कागजी कार्यवाई के लिए फोन किया गया तो उधर से महिला व उसके परिजनों ने स्वयं बताया कि वह जीवित है, तो मुआवजा क्यों ले. जहां एक ओर कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजन मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, वहीं, स्वास्थ्य विभाग जीवित लोगों से मृतकों की लिस्ट बना कर बैठा हुआ है. आपको बता दें कि जिले में कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में 108 लोगों के नाम अंकित किए गए हैं.
अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके के मेंलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी व उनके बेटे हेमंत चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया है कि उनको पिछले कई दिनों से अलग-अलग नंबर द्वारा कॉल किए जा रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में शकुंतला देवी की मृत्यु हो चुकी है. आप लोग कागजी कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर आ जाएं. हेमंत का कहना है कि मुआवजा लेने से मना करने के बाद फोन पर कहा गया कि आप सिग्नेचर कर दें तो ₹30,000 आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे, जबकि ₹50000 सरकार ने मुआवजा तय किया है. मां-बेटे के बताए अनुसार, शकुंतला देवी का उपचार क्षेत्र के एक निजी अस्पताल जीवन ज्योति में हुआ था. जहां भर्ती होने के अलावा डिस्चार्ज समरी भी उनके पास है. यह तो वह परिवार है, जिनके यहां मृत्यु हुई ही नहीं है.
इधर, नोडल कोविड सैंम्पलिंग अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ का कहना है कि कोरोना से मरने वाले लोगों की एक लिस्ट बनी थी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कोरोना से मृत्यु पर ₹50000 दिए जाने थे. पूर्व में शकुंतला देवी का नाम तत्कालीन सीएमओ और सर्व लाइंस अधिकारी द्वारा भेजा गया था लेकिन जब इस लिस्ट को वर्तमान सीएमओ द्वारा कंफर्म किया गया तो पाया गया कि शकुंतला नाम की महिला जिंदा है, जिनका नाम पूर्व सीएमओ द्वारा मृतकों की सूची में भेज दिया गया था. उस त्रुटि को सुधार लिया गया है और उनको कोई पेमेंट नहीं किया गया है.