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उत्तर प्रदेशविधानसभा चुनाव 2022

दुबई में जॉब, परिवार पर आई मुसीबत तो लौटी भारत और 3 मिनट में ले लिया सपा से टिकट

रूपाली दीक्षित: लंदन से MBA, दुबई में जॉब, परिवार पर आई मुसीबत तो लौटी भारत और 3 मिनट में ले लिया सपा से टिकट

फतेहाबाद. आगरा जिले की फतेहाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार रूपाली दीक्षित की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. रूपाली आगरा के बाहुबली रहे अशोक दीक्षित की बेटी हैं. उन्होंने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की, फिर दुबई की मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की और फतेहाबाद की सियासी जमीन को फतह करने के लिए ताल ठोक रही हैं.

यहां गौर करने वाली बात है कि समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद विधानसभा से पहले राजेश कुमार शर्मा को प्रत्याशी बनाया था, हालांकि करीब 36 घंटे बाद ही अपना प्रत्याशी बदलकर रूपाली दीक्षित को टिकट दे दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूपाली दीक्षित ने बताया कि उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को महज तीन मिनट में कन्वेंस करके विधानसभा चुनाव का टिकट ले लिया.

मर्डर केस में पिता समेत परिवार के 4 लोगों को उम्रकैद

रूपाली के पिता समेत उनके परिवार के चार लोग हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहे हैं. परिवार के चार लोगों को मिली इस सज़ा के बाद ही रूपाली 2016 में फतेहाबाद लौटीं. इसके बाद उन्होंने सियासत में कदम रखा और अब सपा की टिकट पर फतेहाबाद सीट से ही चुनाव लड़ रही हैं.

75 वर्षीय अशोक दीक्षित को साल 2015 में सरकारी स्कूल के एक टीचर सुमन यादव की हत्या का दोषी ठहराया गया था. साल 2007 में हुआ यह हत्याकांड काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें दीक्षित परिवार के तीन लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई.

ब्रिटेन से MBA और दुबई में कर रही थीं बढ़िया नौकरी

उधर रूपाली पुणे के सिम्बॉयसिस इंस्टिट्यूट से ग्रेजुएशन करने के बाद 2009 में इंग्लैंड चली गई थीं. वहां कार्डिफ यूनिवर्सिटी से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया और दुबई में उनकी अच्छी नौकरी लग गई. हिन्दुस्तान समाचार की रिपोर्ट के मुताबिक, रूपाली ने बताया कि परिवार के लोगों पर 2016 में आए संकट के कारण उन्हें स्वदेश लौटना पड़ा.

रूपाली बताती हैं, ‘मेरे पिता ने मुझसे बात की थी और कहा कि परिवार को मेरी जरूरत है. तब मैं दुबई की एक कंपनी में बतौर सीनियर एग्जीक्यूटिव काम कर रही थी. मैंने उसके तुरंत बाद इस्तीफा दिया और भारत लौट आई.’

वह बताती हैं कि सुमन यादव मर्डर केस से उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हुई थी. रूपाली के मुताबिक, इस केस की कानूनी बारीकियां समझने के लिए उन्होंने कानून की पढ़ाई शुरू की. लॉ की डिग्री लेने के बाद ही वह सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में भी शरीक होने लगीं और अब सपा ने फतेहाबाद से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है.

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