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दनकौरधर्म

परमात्मा को तीन रूपों में प्राप्त किया जा सकता है

दनकौर :श्री गुरु द्रोणाचार्य मंदिर प्रांगण में सभी के सहयोग से होली उत्सव के उपलक्ष में आज से प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा का आज के मुख्य अतिथि दनकौर कोतवाली प्रभारी सुधीर कुमार ने आरती के साथ सुप्रारम्भ किया साथ ही पूज्य पाद श्रद्धेय अचार्य संत श्री रवि कृष्ण भारद्वाज से आशीर्वाद प्राप्त किया,

 

आज महाराज श्री ने भागवत का महत्व बताते हुए कहा कि परमात्मा को तीन रूप में प्राप्त किया जा सकता है ,सत्य, चित, आनंद , जब हमें बहुत समय व्यतीत हो जाता है सत्य निर्लिप्त हो जाते हैं और चिंतन करते -करते बहुत समय हो जाता है सत्य, चित,आनंद व उस पार ब्रह्म को पाने के लिए सत्य बोलना है और उसका चिंतन करना है आनंद लेने से परमात्मा से मिलन हो जाएगा ,और तीन ही दुख होते हैं पहला दुख तन दुख , मन दुख, धन दुख, जैसे बहुत सा धन है लेकिन तन में रोग लगा हुआ है तो धन से बेकार है ,तन से बहुत अच्छा है पर धन नहीं है तो भी बेकार है ,और तन भी बढ़िया है धन भी है पर मन से दुखी है तो भी बेकार है ,तीन दुख होते तीन ताप होते हैं रामचरित्र मानस में इसका बहुत ही सुंदर दर्शाया गया है ,

दिनेश्वर दयाल ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 12:30बजे से शाम 4:30 बजे तक महाराज श्री पूज्य पाद श्रद्धेय आचार्य संत श्री रवि कृष्ण भारद्वाज के मुखारविंद से कही जाएगी|

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