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राशन व्यवस्था डांवाडोल- कुछ आ गया कुछ का इंतजार

औरंगाबाद:- कस्बे और आसपास के देहात में सार्वजनिक वितरण प्रणाली बुरी तरह चरमरा गयी है. प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना का राशन वितरण प्रत्येक माह की पांच तारीख को किया जाना था लेकिन इस माह अभी तक वितरण कार्य शुरू नहीं हो सका है. राशन विक्रेताओं का कहना है कि गैहूं तथा चावल तो आ चुका है लेकिन चना रिफाइंड नमक अभी तक नहीं दिया गया है तो वितरण कहाँ से हो. कसबे के साथ साथ यही हालत गाँव देहात में बनी हुई है. कहीं चना है तो रिफाइंड नहीं कहीं नमक है तो चना गायब. डीलर बार बार बांटने के झंझट में पड़ ना नहीं चाहते. वो चाहते हैं सारा राशन एक साथ वितरण हो

लेकिन आम उपभोक्ता चुनाव के बाद खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है. वो समझ रहा है कि चुनाव खत्म तो राशन खत्म. उधर राशन की घटतोली अपने चरम पर है

. तमाम गांवो में राशन तीन किलो से चार किलो ग्राम प्रति युनिट धडल्ले से बांटा जा रहा है लेकिन प्रशासन सोया पडा़ है पूर्ति विभाग के जिन अधिकारियों पर डीलरों की धांधली रोकने का जिम्मा है वही डीलरों से सांठगांठ करके कानों में रुई लगाकर बैठे हैं उपभोक्ताओं के शोषण का उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता. शिकायत मिलने पर जांच करुंगा का आश्वासन देकर टरका देना उनकी आदत में शुमार हो चुका है. कैसी जांच होती है और उसका क्या असर होता है यह तथ्य अब किसी से छुपा नहीं रह गया है.

औरंगाबाद से राजेन्द्र अग्रवाल

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