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उत्तर प्रदेश

बागपत में फीस्ट डे ऑफ सेंट जोसेफ द वर्कर पर हुई विशेष प्रार्थना सभाएं

  •  विश्व के महान संतो में शुमार है परमेश्वर के पुत्र ईसा मसीह के धार्मिक पालक पिता संत जोसफ और मजदूरों के संरक्षक संत के रूप में जाने जाते है
  •  1 मई 1955 को कैथोलिक एसोसिएशन ऑफ इटालियन वर्कर्स को संबोधित करते हुए पोप पायस-12 ने 1 मई को सेंट जोसेफ द वर्कर का पर्व किया था घोषित

जनपद बागपत में विश्व के महान संतो में शुमार संत जोसफ को समर्पित फीस्ट डे ऑफ सेंट जोसेफ द वर्कर दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बागपत के ललियाना में स्थित संत जोसफ चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया और विश्व शांति व मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना की गयी। देश में आपसी भाईचारे, देश की उन्नति, कोरोना की समाप्ति, गरीबी की समाप्ति, मजदूरों के हक और चर्च के फादर एल्बर्ट को न्याय दिलवाने व उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए संत जोसफ से प्रार्थना की गयी। संत जोसफ परमेश्वर के पुत्र ईसा मसीह के धार्मिक पालक पिता है। वे परमेश्वर द्वारा उनके पुत्र ईसा मसीह के पालक पिता के रूप में चुने गये थे। संत जोसफ परमेश्वर की महान सत्ता में विश्वास रखने वाले एक साधारण बढ़ई थे ।

संत जोसफ ने समस्त जीवन गरीबों, मजलूमों और मजदूरों हितों के लिए कार्य किया। वे महान व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे और उन पर परमेश्वर की विशेष कृपा थी। उनको सभी मजदूरो का संरक्षक संत माना जाता है। 1 मई 1955 को कैथोलिक एसोसिएशन ऑफ इटालियन वर्कर्स को संबोधित करते हुए पोप पायस-12 ने 1 मई को सेंट जोसेफ द वर्कर का पर्व घोषित किया था। संत जोसफ चर्च ललियाना के सभी श्रद्धालुओं ने प्रभु की सत्ता में पूर्ण विश्वास जताते हुए किसी भी विपरीत परिस्थितियों में विचलित ना होने, किसी का बुरा ना करने, किसी के बारे में बुरा ना कहने, एक-दूसरे की सहायता करने और मानव जाति के हित में नेक कार्यो को निरन्तर जारी रखने का संकल्प लिया। कहा कि परमेश्वर हमारी परीक्षा ले रहे है, इन विपरित परिस्थितियों में हमें अपने मन को विचलित नही होने देना है और परमेश्वर पर पूर्ण विश्वास रखना है, परमेश्वर सब कुछ सही करेंगे। इस अवसर फादर, सिस्टर सहित अनेकों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

रिपोर्टर विवेक जैन

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