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Bulandshahr

बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रशासन ने उपलब्ध कराया गनर

आवास पर भाजपा जिलाध्यक्ष की दबंगाई प्रकरण की जांच करेंगे सी डी ओ अभिषेक पाण्डेय

औरंगाबाद( बुलंदशहर ) भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी वी के शर्मा को दी गई जान से मार डालने की धमकी के चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को गनर उपलब्ध कराया है। जिला प्रशासन ने यह कदम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वी के शर्मा द्वारा की गई शिकायत और जान माल का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाने के पश्चात उठाया है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी वी के शर्मा के आवास पर भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया व उनके आठ दस साथियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार, अमर्यादित वार्तालाप,गाली गलौज और भुगत लेने की धमकी देने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच सी डी ओ अभिषेक पाण्डेय को सौंप दी है ‌।तथा घटना के अगले ही दिन भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा पुनः उन्हीं लोगों को साथ लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर पहुंचकर उनकी गैरमौजूदगी में स्टाफ के माध्यम से पुनः धमकी देने के मामले की जांच पड़ताल एस पी सिटी सुरेन्द्र नाथ तिवारी को सौंपी गई है।

जांच पड़ताल का क्या निष्कर्ष निकलेगा यह तो भविष्य के गर्त में छिपा है लेकिन जिलाध्यक्ष के कारनामे भाजपा की स्वच्छ छवि के लिए किसी कलंक से कम प्रतीत नहीं हो रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया विधानसभा चुनावों के पश्चात से ही विवादों में घिरते चले आ रहे हैं। जिले के भाजपा नेता पेशे से चिकित्सक डॉ संजीव अग्रवाल ने भाजपा जिलाध्यक्ष पर लाखों रुपए की स्कार्पियो गाड़ी लेकर वापस नहीं लौटाने का आरोप लगा कर राजनीतिक हलकों में तहलका मचा दिया था। डा संजीव अग्रवाल को गाड़ी वापस लौटा कर भाजपा जिलाध्यक्ष ने मामले पर पर्दा डालने में सफलता प्राप्त कर ली थी। इसके कुछ समय बाद ही एक महिला अधिवक्ता ने डी जी सी बनवाने की एवज में ढाई लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाते हुए पुनः सनसनी फैला दी थी।

एक महिला एस डी ओ ने भी अपने साथ किसी मामले को लेकर गाली गलौज करने की भी शिकायत की थी लेकिन प्रशासनिक स्तर पर मामला रफा दफा कराने में ही भलाई समझी गई।

लगभग एक महीने पूर्व न्यायालय के आदेश पर भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया के खिलाफ मीडिया कर्मी मनोज गिरी के साथ मारपीट करने,गाली गलौज करने तथा जान से मार डालने की धमकी देने का मामला पुलिस ने दर्ज किया था। कोर्ट के आदेश पर दर्ज इस मुकदमे की जांच पड़ताल पुलिस को दी गई थी। मामले में क्या कारवाई होगी यह भी वक्त ही बताएगा।

ताज़ा तरीन मामला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ गाली गलौज धमकाने और अमर्यादित आचरण करने का सामने आया है। इसमें अहम बात यह सामने आई है कि भाजपा जिलाध्यक्ष अपने साथियों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी को धमकाने उनके आवास पर पहुंचे और उन्होंने उनकी पत्नी और बेटी के सामने ही उनको डराया धमकाया और जलील किया। हालांकि अपनी सफाई में पहले भाजपा जिलाध्यक्ष ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के आवास पर जाने से ही साफ़ साफ़ इंकार कर दिया था लेकिन जब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सामने आई तो भाजपा जिलाध्यक्ष बैकफुट पर आ गए और गाली देने से इंकार करने लगे जबकि सीसीटीवी कैमरे फुटेज में उनके साथ के लोग आस्तीन चढ़ाते हुए आवास की ओर जाते स्पष्ट दिखाई पड़ रहे हैं।

बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है। तमाम आशाओं के विपरित बेसिक शिक्षा अधिकारी वी के शर्मा ने भाजपा जिलाध्यक्ष और उनके साथियों की लिखित शिकायत बेसिक शिक्षा मंत्री, सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को भेजकर कारवाई किये जाने और अपनी व परिजनों की सुरक्षा की मांग कर दी।

अपनी शिकायत से बौखलाये जिलाध्यक्ष ने अगले ही दिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर जोर दार हंगामा खड़ा कर दिया। जाते जाते वो स्टाफ को कहते गये कि आये तो उसको बता देना । तमाम स्टाफ सकते में आ गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता देख पुनः शासन प्रशासन को पत्र लिखकर सुरक्षा हेतु गुहार लगाई।

आम आदमी को यही समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर शासन और भाजपा हाईकमान को किस मजबूरी में सांप सूंघ गया है। आखिर तमाम इंटैलीजैस, उपलब्ध होते हुए भी भाजपा जिलाध्यक्ष पर लगे तमाम आरोपो प्रत्यारोपों की निष्पक्ष जांच पड़ताल करके दूध का दूध और पानी का पानी क्यों नहीं किया जा रहा है।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ता भी जिलाध्यक्ष के समर्थन में उतर आए हैं बीएसए द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच  होनी चाहिए

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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