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Bulandshahr

ग्राम प्रधान और प्रधान अध्यापक की तनातनी में मिड डे मील का सफाया

दस दिन से खनौदा में नहीं मिल रहा नन्हे मुन्नों को मिड डे मील,फल वितरण का तो प्रश्न ही नहीं उठता,बेसिक शिक्षा अधिकारी उदासीन

औरंगाबाद (बुलंदशहर) प्रदेश सरकार के सर्व शिक्षा अभियान को खुद बेसिक शिक्षा विभाग के कामचोर लापरवाह अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। विकास खंड लखावटी अंतर्गत ग्राम खनौदा के संविलियन विद्यालय में 232 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इन बच्चों को 1दिसम्बर से मिड डे मील उपलब्ध नहीं हो रहा है। जब मिड डे मील ही नहीं मिलता तो फल वितरण का तो प्रश्न ही नहीं उठता है।

कारण यह है कि ग्राम प्रधान मनोज कुमार और प्रधान अध्यापक जितेन्द्र सिंह की आपसी तनातनी चल रही है। प्रधान का कहना है कि प्रधान अध्यापक जितेन्द्र सिंह सरकारी मिड डे मील योजना को लागू करने में जमकर मनमानी और अनाप शनाप खर्चा बिल बनाकर भृष्टाचार कर रहा है जबकि प्रधान अध्यापक जितेन्द्र सिंह का कहना है कि ग्राम प्रधान कन्वर्जन कास्ट के चैकों पर साइन ही नहीं करता। आखिर कब तक अपनी जेब से पैसे खर्च करूं?

प्रधान अध्यापक जितेन्द्र सिंह का कहना है कि उसने 165680रुपये 71पैसे अब तक अपनी जेब से ख़र्च कर दिया है अब आगे मैं अपनी जेब से ख़र्च करने में असमर्थ हूं।

प्रधान अध्यापक ने 15नबंबर को लिखित पत्र खंड शिक्षा अधिकारी लखावटी को देकर 15दिन का अल्टिमेटम दिया था तथा इसकी प्रति मुख्य मंत्री पोर्टल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी खंड विकास अधिकारी लखावटी को भी भेजी बताई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। और पंद्रह दिन तक इंतजार करने के बाद प्रधान अध्यापक जितेन्द्र सिंह ने भी अपने हाथ खड़े कर मिड डे मील योजना को पलीता लगा दिया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी वीके शर्मा का पक्ष जानने का प्रयास करने पर फोन रिसीव नहीं किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी लखावटी विकास कुमार ने अनभिज्ञता जता दी।

सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर कैसे हो रहा है इसका उदाहरण देखना है तो खनौदा में देखा जा सकता है। शिक्षा विभाग के मोटी तनख्वाह पाने वाले अधिकारी आश्चर्यजनक रूप से मौन साधे हुए हैं

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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