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Bulandshahr

रोगरोधक किस्म की नवीनतम प्रजातियों का गन्ना बोएं किसान

कृषक गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञों ने दिया परामर्श

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) बसंत कालीन गन्ना बुवाई गोष्ठी का आयोजन बुधवार को ग्राम भैंसाखुर में सतपाल सिंह के आवास पर किया गया।सिंभावली चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक कुशल वीर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि को 0238 प्रजाति के गन्ने में लाल सड़न और चोटी बेधक रोग अधिक फैल रहे हैं अतः इस प्रजाति को छोड़ कर रोग रोधक नवीन प्रजातियों को 15023,14201,को सा 13235,को 118का गन्ना बुवाई में प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि को 238 को ही बोना है तो गन्ने का उपरी एक तिहाई हिस्सा ही प्रयोग करें। साथ ही टुकड़ों को बुवाई से पूर्व थायोफेनेट मिथाइल के घोल में से 150 ग्राम दवा को 100 लीटर पानी में मिलाकर पांच मिनट डूबा कर प्रयोग में लाए।

सिंह ने किसानों को बताया कि खेत की तैयारी में अंतिम जुताई से पहले 4-5 किलो टृाईकोडरमा को गोबर के खाद में मिला कर खेत में बिखेर कर ही जुताई करें। चोटी बेधक कीट के बचाव हेतु मार्च के महीने में 150मिलीलीटर कोराजन को 400 लीटर पानी में मिलाकर लाइनों में डेचिंग करें और तुरंत सिंचाई कर दें।

गोष्ठी में राकेश सिंह गन्ना अधिकारी, कुंवरपाल सिंह गन्ना पर्यवेक्षक, महेंद्र सिंह सुरेंद्र सिंह अनिल कुमार वीरेंद्र सिंह,भरत सिंह राजकुमार राजेश आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। ग्राम प्रधान ने आगंतुक अतिथियों का बहुमूल्य जानकारी देने के लिए आभार व्यक्त किया।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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