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अंतर्राष्ट्रीय

अक्षय तृतीया और नेत्र दान – जानते है डॉ सुमित्रा अग्रवाल जी से 

अक्षय तृतीया को जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं उनका फल अक्षय होता है। इसलिए यह पवित्र दिन अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन लोग अलग अलग चीजों का दान करते है , हर कोई चाहते है की उनके कहते में पुण्य जुड़े और उस पुण्य का छय न हो।

इस अक्षय तृतीया नेत्रों का दान करे। ये दान हर अंधे व्यक्ति को जरूर करना चाहिए। जी है आपने बिलकुल सही पढ़ा अंधेपन से जज रहा व्यक्ति नेत्र दान कर सकता है।

कौन कौन कर सकते है नेत्र दान –

१ । ८ वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति आंखें दान कर सकता है।

२। कौन कौन से बीमारी से ग्रषित लोग क्र सकते है नेत्र दान –

। मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, जिनके आँखों का नंबर बहुत अधिक है और जो मोटा चश्मा पहनते है। कैंसर, एड्स या हेपेटाइटिस वाले भी कर सकते है दान।

। एक रोगी जिसके आंख के पीछे ओकुलर ट्यूमर है, वह आंख को हटाने के समय आंख दान कर सकते है।

। आपको जान कर ताज्जुब होगा की एक व्यक्ति जिनकी आंख अंधी है और उनका कॉर्निया जो की सामने का भाग है वह स्वस्थ है तो वे नेत्र दान कर सकते है।

 क्या ग्लूकोमा में अँधा हुआ व्यक्ति नेत्र दान कर सकता है ?

ग्लूकोमा वाले लोगों में आंखों की ऑप्टिक तंत्रिका क्षतिग्रस्त होती है, आमतौर पर आंख के अंदर दबाव से जो बहुत अधिक होता है आँखों की रौशनी चली जाती है । ये लोग नेत्र दान कर सकते है।

क्या मधुमेह के रोगी नेत्र दान कर सकते है?

केवल मधुमेह के उन्नत चरण जिनके लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है वे ट्रांसप्लांट के लिए नेत्र दान नहीं कर सकते हैं। जिन मरीजों को आहार नियंत्रित मधुमेह है वे कर सकते है।

जिन रोगियों को मधुमेह के गंभीर रूप हैं, वे कॉर्नियल प्रत्यारोपण के बजाय अनुसंधान के लिए अपनी आंखें दान कर सकते हैं। अनुसंधान एक बहुत ही मूल्यवान मिशन है और अंधेपन की रोकथाम या इलाज का कारण बन सकता है।

 

 

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